विश्वमाता सिद्धी….6.

दुर्लभ साधना
राम राम, मै अरुण,
हरिद्वार में पिछले दिनों हुई विश्वमाता सिद्धी के पहले दिन गुरू जी ने मृत्युंजय योग के उच्च साधकों से कहा था *आप में से कोई देवी से अछूता न रहेगा. सब सिद्धी के पात्र बनेंगे. सबका देवी सम्पर्क स्थापित होगा. साधना आप करिये,सम्पर्क देवी मां खुद करेंगी.*
यही उच्च साधनाओं की मर्यादा होती है.
देवी मां का सम्पर्क शुरू हो चुका है. जो आगे गहराता जाएगा. जिसका जितना अधिक अपनापन उतनी जल्दी कनेक्टेविटी. गुरू जी ने कहा है कि साधक उच्च शक्ति द्वारा किये जा रहे कांटेक्ट का विश्लेषण न करें. सिर्फ उन अनुभतियों का आनंद लें. दैवीय अनुभूतियों की चर्चा से देवी देवताओं से रिश्ते प्रगाढ़ होते जाते हैं. इसलिये उनकी चर्चा जरूर करते रहें. मगर जो पात्र है उनसे ही अपनी अनुभूतियां शेयर करें. अच्छा होगा यहां ग्रुप में शेयर करें.
आगे हम उच्च साधक मीना सितलानी का अनुभव उन्हीं के शब्दों में शेयर कर रहे हैं. उससे पहले बता दें कि विश्वमाता सिद्धी साधना के दौरान गुरू जी यदि किसी को लेकर चिंतित थे तो वे थीं मीना जी. शरीर से थोड़ा भारी होने के कारण उनके पानी में बैठकर मंत्र जप करने और पत्थर से सख्त स्थान पर बिना थके लगातार बैठे रहने को लेकर संसय था.
मगर मीना जी ने खुद को श्रेष्ठ साधक साबित किया. उन्होंने दूसरे उच्च साधकों की तरह ही पूरी तन्मयता और स्थिरता के साथ साधना पूरी की. गुरू जी उनके साधक स्वरूप को जानकर बहुत खुश हुये. उन्होंने अलकनंदा घाट पर ही कह दिया था कि मीना ने देवी मां को पा लिया.
मीना जी का अनुभव….
Pranam shiv guru ji ko
pranam Guruji ko
I am very proud tobe that i was in vishwamata sidhi sadhana.
During sadhana there are many experience. When ever guruji came on alakhnanda ghat a plescent aroma come before he reached.
During last three nights
In midnight during sleep i suddenly speak mantra devi maa talk to me as I followed her path .i get very pleased n full of spiritual energy. I am really enjoying sadhana
Many time guruji n arun ji also on the path
Guruji n arun always stay with me
Thanks alot to both of u
Many many thanks to shiv guru ji
Ram ram everyone
जय माता दी.
….क्रमशः
शिवगुरू को प्रणाम
गुरू जी को प्रणाम
सभी उच्च साधकों को नमन।