विश्वमाता सिद्धी…1

मंत्र जाप से भारती का शरीर बिल्कुल हल्का हो गया. जिससे वे गंगा की धारा में बह चलीं. शिवप्रिया जी व पास बैठे दूसरे साधकों ने उन्हें बचाया. गुरू जी ने पहले ही बता दिया था कि फोर्थ डाइमेंशन साधना के दौरान शरीर या तो बहुत हल्का हो जाएगा या बहुत भारी.

महासाधकों ने गंगा में बैठकर की दुर्लभ साधना

राम राम, मै अरुण । साधकों ने हरिद्वार में विश्वमाता सिद्ध कर ली. इस सिद्धी का साधक लेने वाले से देने वाला बन जाता है. गुरू जी ने सिद्ध उपरांत साधकों से कहा अब वे अपनी बजाय दूसरों के हित के बारे में जुट जायें. क्योंकि वे दूसरों को देने लायक बन गये. हैं.
हमारे गुरूजी एनर्जी गुरू जी ने साधना के दौरान हर क्षण साधकों का आभामंडल शिवगुरू भगवान शिव और उनकी उर्जा विश्व माता की उर्जा से जोड़े रखी. सिद्धी सुनिश्चित करने हेतु उन्होंने शक्तिपात करके साधकों के 32 लाख से अधिक रोम छिद्रों को मंत्र जाप के लिये खोल दिया था. शास्त्र कहते हैं एेसी स्थिति में आने पर साधक के साथ उसका हर रोम छिद्र मंत्र का जाप करता है.
इस तरह विश्वमाता की साधना कर रहे साधकों के रोम रोम से मंत्र का जाप हुआ.
साधकों ने गंगा में बैठकर मंत्र जाप किये. उसी लगातार बरसात होती रही, जैसे आकाश महासाधकों का अभिषेक कर रहा हो.
साधकों को देवी दर्शन सहित अनगिनत विलक्षण अनुभूतियां हुईं. जिन्हें हम आगे बताएंगे. साथ ही विश्वमाता सिद्धी करने वाले उच्च साधक खुद भी अपने अनुभव शेयर करेंगे. दुर्लभ उच्च साधना में शिवप्रिया जी, डा. विशाल, डा. नेहा, इं. अशोक मीणा, शांतनू, दर्शना, मीना सितलानी, अमित मिश्रा, अमित अरोड़ा, सुप्रभा, इं. हरी कृष्ण चौधरी, जानकी भाई, भारती, संतोष गुप्ता, जय गुप्ता, शालिनी, मनीष सहगल, अरुण, राकेश जायसवाल का चयन किया गया.
गुरू जी ने इन सभी साधकों को विश्व माता साधना से पहले ब्रह्मांड के फोर्थ डायमेंशन में प्रवेश करने की साधना भी कराई. उनकी चेतना को हिमालय की अदृश्य सिद्ध दुनिया से कनेक्ट किया. जिससे आने वाले समय में साधक हिमालय के रहस्यमयी सिद्धों की दुनिया से जुड़े रहेंगे. आगे हम हिमालय की उस अदृश्य दुनिया के बारे में भी चर्चा करेंगे. साथ ही उच्च साधक वहां से मिलने वाले संदेशों और अनुभवों को हमारे साथ शेयर करते रहेंगे.
आगे मै बताउंगा कि मंत्र जाप से भारती का शरीर बिल्कुल हल्का हो गया. जिससे वे गंगा की धारा में बह चलीं. शिवप्रिया जी व पास बैठे दूसरे साधकों ने उन्हें बचाया. गुरू जी ने पहले ही बता दिया था कि फोर्थ डाइमेंशन साधना के दौरान शरीर या तो बहुत हल्का हो जाएगा या बहुत भारी.
क्रमशः।
शिवगुरू को प्रणाम
गुरू जी को प्रणाम
सभी उच्च साधकों को नमन।

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