राम राम,

इन दिनों परीक्षाओं का समय है. बच्चों की पढ़ाई को लेकर तनाव में रहने की बजाय कुछ सामान्य बातों पर ध्यान दें. जिससे बच्चों के आभामंडल में मेघावी उर्जा उत्पन्न होगी और वे शानदार नतीजे निकाल लेंगे.
बच्चों की पढ़ाई वाली जगह पर मेघावी एनर्जी बैग स्थापित करें. इसे निम्न वस्तुओं से तैयार करें. हो सके तो उसमें बच्चे के नाम से प्रोग्राम क्रिस्टल बाल जरूर रखें. जो लक्ष्य प्राप्त करने के लिये मस्तिष्क की एकाग्रता बनाये रखता है. (क्रिस्टल बाल हर बच्चे के नाम से अलग अलग होना चाहिये.) सभी वस्तुओं को मानक अनुपात में एकत्र करके स्वच्छ या नये कपड़े में पोटली बना लें. यही मेघावी एनर्जी बैग है. इसे बच्चे के पढ़ाई वाले स्थान पर स्थापित कर दें. मेघावी बैग को 90 दिन में बदलते रहें.
- इमली के पत्ते
- ब्रह्मकमल
- धनिया
- सौंफ
- हरी इलायची
- कपूर
- फिटकरी
- लौंग
- चावल
- प्रोग्राम हुआ क्रिस्टल बाल
इनमें से कोई वस्तु उपलब्ध न हो तो आप तैयार मेघावी एनर्जी बैग भी प्राप्त कर सकते है.
पढ़ाई में बच्चा तनाव मुक्त रहकर बिना विचलन के मन लगा सके, इसके लिये नीचे लिखी कुछ और बातों का ध्यान रखें.
- पढ़ाई शुरू करते समय अपने मस्तिष्क को कमांड देंते हुए कहें * मेरा मस्तिष्क चुस्त-दुरुस्त है. मेरी याददास्त तेज और स्थिर है. मेरी पढ़ाई सर्वोत्तम है. इसके लिये सभी देव शक्तियों का धन्यवाद. इससे याददास्त बढ़ाने के लिये थर्ड आई चक्र एक्टिवेट हो जाता है.
- पढ़ाई शुरू करते समय कापी किताब को माथे से लगाकर प्रणाम करें. इससे उनकी एनर्जी आज्ञा चक्र से जुड़ जाती है. परीक्षा के वक्त बच्चा सही निर्णय लेने में सक्षम होता है.
- पढ़ाई की जगह और स्कूल बैग में मोर पंख रखें. इससे बच्चे में अपनी उर्जाओं का बेहतर उपयोग करने की क्षमता जागती है.
- पढ़ाई की जगह पर ग्रीन लाइट जलायें. इससे नकारात्मकता हटती है और एकाग्रता बढ़ती है.
- पढ़ाई की जगह पर कापी किताबें पेन पेंसिल खुली न छोड़ें. इससे पढ़ाई की उर्जाओं का बिखराव रूक जाता है.
- हमेशा निर्धारित स्थान पर ही स्थान पर पढ़ाई करें. इससे याददास्त की उर्जा केंद्रित होती है.
- पढ़ाई के स्थान पर खाना न खायें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में दूषित मिलावट नही होती.
- टी वी देखते हुए पढ़ाई कभी न करें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में दूषित मिलावट नही होती.
- पढ़ाई के समय मोबाइल को बंद रखें या दूर रखें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में दूषित मिलावट नही होती.
- पढ़ाई की जगह धूल मिट्टी, मकड़ी के जाले बिल्कुल न रहने दें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में दूषित मिलावट नही होती.
- जूते, चप्पल, मोजे पहनकर पढ़ाई बिल्कुल न करें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में बिखराव नही होता.
- लेट कर पढ़ाई कभी न करें. इससे पढ़ाई की एनर्जी में दूषित मिलावट नही होती.
- पढ़ाई की मेज कुर्सी टूटी नही होनी चाहिये. इससे पढ़ाई की एनर्जी में बिखराव नही होता.