ग्रहों पर कंट्रोल के लिये अपना कुंडली जागरण रुद्राक्ष साथ लेकर आयें.

22 जून 2016 Guru purnima 2
आपकी कुंडली आरोहण साधना… 2
ग्रहों पर कंट्रोल के लिये अपना कुंडली जागरण रुद्राक्ष साथ लेकर आयें.
 
प्रणाम मै शिवांशु.
कुंडली आरोहण महासाधना के रजिस्ट्रेशन 30 से क्लोज हो रहेै हैं. इस महासाधना के दौरान गुरुदेव साधकों को ग्रहों की उर्जाओं पर कंट्रोल करना सिखाएंगे. जिसमें कुंडली जागरण रुद्राक्ष की अनिवार्यता होती है. इसलिये सभी साधक अपना कुंडली जागरण रुद्राक्ष जरूर साथ लायें.
साधना के प्रथम चरण में गुरुदेव ग्रहों की उर्जाओं को नियंत्रित करके उन्हें अपने आभामंडल और उर्जा चक्रों के अनुकूल बनाना सिखाएंगे. क्योंकि कुंडली जागरण के दौरान ग्रहों की उर्जा अनुकूल न हो तो कुंडली आरोहण की सफलता में संदेह की गुंजाइश रहती है. अक्सर देखने में आया है कि ग्रहों की उर्जायें विपरीत होंने की दशा में अधिकांश साधकों की साधनायें विफल हो जाती हैं. इसी कारण सक्षम गुरु दशा-महादशा, गोचर की शुभ स्थिति में होने पर ही सिद्ध साधनायें कराते हैं.
दरअसल ग्रहों की रंगीन उर्जाएं ही हमारे रंगीन उर्जा चक्रों द्वारा खुराक के रूप में ग्रहण की जाती हैं. आभामंडल में प्रवेश के बाद यदि उनमें मिलावट हो जाये या उनका घनत्व अधिक हो जाये तो ज्योतिष में उसे ग्रह खराब हो जाने की संज्ञा दी जाती है.
सच्चाई ये है कि कोई भी ग्रह खराब नही होता. उनसे तो सबके लिये एक सी उर्जायें ही उत्सर्जित होती हैं. हमारे आभामंडल में आने के बाद ही उनके प्रभाव बदलते हैं. किसी व्यक्ति के आभामंडल का आकार, आकृति और घनत्व ही तय करता है कि कौन सा ग्रह उस पर कैसा असर डालेगा.
सभी जानते हैं कि ग्रहों के दुष्प्रभाव जीवन को उलट पुलट कर देते हैं. चाहें उन्हें कोई माने या न माने. जैसे ग्रह सौरमंडल में स्थापित वैज्ञानिक सच हैं, उसी तरह जीवन पर उनकी उर्जाओं के प्रभाव भी अकाट्य सत्य हैं. इसे कभी भी किसी भी स्तर पर प्रमाणित किया जा सकता है.
लम्बे अनुसंधान के बाद गुरुदेव ने पाया कि अगर आभामंडल की बनावट को ठीक कर लिया जाये तो किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थापित ग्रहों के प्रभाव को हमेशा के लिये बदला जा सकता है. जन्म कुंडली के ग्रहों के प्रभाव शिफ्ट करने का अर्थ है उसके सम्पूर्ण जीवन को बदल डालना. अर्थात् संजीवनी उपचार के जरिये जन्म कुंडली के परिणामों को भी बदला जा सकता है.
कुंडली आरोहण के लिये भी साधक के प्रति ग्रहों की उर्जाओं को रुख सकारात्मक ही होना चाहिये. इसके लिये 19 जुलाई के साधना शिविर में गुरुदेव समधर्मी उर्जा आकर्षण के सिद्धांत का उपयोग कराएंगे. जिसमें कुंडली जागरण रुद्राक्ष को माध्याम बनाया जाएगा. साधकों द्वारा धारण कुंडली जागरण रुद्राक्ष में गुरुदेव सभी ग्रहों की उर्जाओं के लिंक बारी बारी से स्थापित कराएंगे. उन्हीं के द्वारा साधकों के आभामंडल व उर्जा चक्रों में व्याप्त ग्रहों की दूषित उर्जाओं को निकाला जाएगा. साथ ही उनमें ग्रहों की सकारात्मक उर्जाओं को स्थापित किया जाएगा. आभामंडल व उर्जा चक्रों की बनावट को सफलताओं और सिद्धियों के अनुकूल किया जाएगा. गुरुदेव द्वारा स्थापित इस विधि का उपयोग करके साधक आजीवन अपने ग्रहों को खुद ही उपचारित कर सकते हैं.
19 जुलाई 2016 को गुरुपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित साधना शिविर का यह पहला चरण होगा. दूसरे चरण में गुरुदेव साधकों के भीतर से तंत्र और बिगड़ी साधनाओं की दूषित उर्जाओं को निकालना सिखाएंगे. उसकी जानकारी हम आपको आगे देंगे.
इस बीच आपको बताते चले कि 19 जुलाई को दिल्ली के हिन्दी भवन में आयोजित कुंडली जागरण महासाधना के रजिस्ट्रेशन 30 जून को बंद हो रहे हैं. यदि आप साधना में शामिल होना चाहते हैं तो इससे पहले ही अपना रजिस्ट्रेशन करा लें. साधना में प्रवेश पात्रता के आधार पर ही मिलेगा. सो रजिस्ट्रेशन का आग्रह करते समय अपना लेटेस्ट फोटो जरूर भेजें. साथ ही यदि साधना के लिये दिल्ली में रहने की व्यवस्था भी चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन के समय ही आग्रह कर लें.
जो लोग साधना शिविर में अपने साथ दूसरे साधकों को ला रहे हैं वे उनका भी रजिस्ट्रेशन तत्काल करा लें. प्रवेश के लिये जिन साधकों का चयन होता है वे अपनी आई.डी. साथ जरूर लायें.
प्रवेश के लिये चयनित साधकों को डिजिटल पास भेजे जाने शुरु कर दिये गये हैं. जिस मैसेज में आपको चयन की सूचना दी जा रही है. वही आपका डिजिटल पास होगा. उसे सेव करके रखें. किसी कारण यदि मैसेज डिलिट हो गया हो तो समय रहते रिपीट मैसेज भेजे जाने के लिये हमारी हेल्पलाइन 9250500800 पर आग्रह कर लें.
ध्यान रखें ये नम्बर रजिस्ट्रेशन के लिये नही है. रजिस्टेशन के लिये 9210500800 पर ही आग्रह करें. इसी नं. पर फोटो Whatsapp कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिये काल करना ही उचित है.

One response

  1. Narbadeshwar Thakur | Reply

    Kundli jagran rudrakch kaise mangayen, use prapt krne ka tarika kya h, dakchina ki rasi kya h

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