8 जून 2016
प्रणाम मै शिवांशु, अब आप भी अपनी कुंडली का आरोहण कर सकते हैं. कुंडली आरोहण का मतलब है, अपनी कुंडली को जगाकर उसे ऊपर के चक्रों की तरफ ले जाना. इससे कुंडली ऊर्जा चक्रों में मौजूद पंचतत्वों की शक्तिओं का उपयोग करके साधक के जीवन में सिद्धि, प्रसिद्धि, समृद्धि की स्थापना करती है. ग्रुप में जो साथी नए जुड़े हैं, उनकी सुविधा के लिये हम दोबारा बताते चलें कि कुंडली जब मूलाधार चक्र का भेदन करती है तो पृथ्वी तत्व का उपयोग करती है. जिससे साधक के जीवन में समृद्धि स्थापित होने लगती है. इससे कोई फर्क नही पड़ता कि साधक के सामने धनागमन के प्रत्यक्ष साधन हैं या नहीं. कुंडली शक्ति इसके साधन खुद आकर्षित करके साधक के सामने ला खड़े करती है.
जब कुंडली स्वाधिष्ठान चक्र का भेदन करती है तब जीवन में सफल योजनाओं की स्थापना करती है. क्योकिं ये क्षेत्र सृजन का होता है. इसके भेदन से ही कलाकारों को सफलताएं मिलने लगती हैं. उन्हें फिल्मों, टी.वी. सीरियल, रंगमंच, गायन व् कला के अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने के ब्रेक मिलते हैं. जिसमें वे खुद को फ्रूफ भी करते हैं.
कुंडली के इसी क्षेत्र के भेदन से लोग बिना भ्रमित हुए सफल योजनाएं लागू करने में सक्षम बनते हैं. इससे कोई फर्क नही पड़ता कि ऐसे व्यक्ति का बैकग्राउंड सफलता लायक है या नही. उसका कोई गॉड फादर है या नही. कुंडली खुद ही बड़े से बड़ा सहयोग करने वालों को आकर्षित करके सामने ला खड़ा करती है.
जब कुंडली नाभि के बीच स्थित नाभि चक्र का भेदन करती है तो साधक के जीवन में प्रसिद्धि स्थापित होने लगती है. ऐसा व्यक्ति अपनी सफलताओं के कारण मशहूर होता है. नाभि क्षेत्र हमारी ऊर्जाओं का भंडारण क्षेत्र होता है. यहां इकट्ठी ऊर्जाएं अवचेतन शक्तियों का पोषण करती हैं. जिससे कामनाएं पूरी होती हैं. इसी कारण कामना पूर्ति के लिये व्रत रखे जाते हैं. व्रत रखने या संतुलित खाने से नाभि चक्र पुष्ट होता है, जो कामना पूर्ति में सहायक होता है.
नाभि क्षेत्र में ऊर्जा भंडार का उपयोग करके कुंडली जैसे ही ऊपर की तरफ आरोहित होती है वैसे ही साधक की कामनाएं सोचने मात्र से पूरी होने लगती हैं. इससे कोई फर्क नही पड़ता कि साधक के पास कामना पूरी करने के साधन हैं या नही. कुंडली सभी जरूरी साधन खुद ही आकर्षित करके जीवन में ला देती है. ऐसे व्यक्ति का लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. लोग उसकी बातें अपनाने लगते हैं. दूसरे शब्दों में ऐसा व्यक्ति दूसरों के लिये प्रेरणा का स्रोत बन जाता है.
जब कुंडली मणिपुर चक्र का भेदन करती है तो साधक बहुत तेजस्वी हो जाता है. उससे राजा, मंत्री, नेता भी प्रभावित होते हैं. उसमें राजाओं की तरह जीतने की क्षमता पैदा हो जाती है.
भौतिक जीवन में कुंडली शक्ति के इससे अधिक उपयोग की जरूरत नही पड़ती.
19 जुलाई 2016 को दिल्ली में होने जा रहे कुंडली महासाधना शिविर में हमारे गुरुदेव एनर्जी गुरु जी कुंडली की शक्तियों के उपयोग पर विशेष प्रकाश डालेंगे. साथ ही शिविर में आये साधकों की कुंडली जाग्रत करने के निमित्त संजीवनी शक्तिपात करेंगे.
कुंडली जागृत होने के बाद उसका नियमित आरोहण हो और साधक उसका उपयोग भी कर सके, ये सबसे महत्वपूर्ण होता है. शिविर में गुरुदेव साधकों को कुंडली आरोहण और उसके उपयोग की तकनीक से अवगत कराएंगे.
जो साधक कुंडली महासाधना शिविर में आकर अपनी कुंडली शक्ति से अवगत होना चाहते हैं. उसका उपयोग जानना चाहते हैं. उससे खुद का और दूसरों का भला करना चाहते हैं. उनका स्वागत है.
शिविर का आयोजन आपसी भागीदारी के आधार पर किया जा रहा है. फिर भी यदि किसी साधक के पास सहभागिता के लिये धन नही है तो भी वे संकोच न करें उनका खर्च गुरुदेव ने खुद उठाने का संकल्प लिया है.
शिविर में प्रवेश रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही होगा.
समय कम है, स्थान भी सीमित ही हैं. इसलिये आने के इच्छुक साधक तत्काल रजिस्ट्रेशन करा लें. रजिस्ट्रेशन के लिये अपनी फोटो आई डी की कॉपी जरूर भेजें. क्योंकि सरकारी नियमों के तहत सिर्फ उन्ही साधकों को प्रवेश मिलेगा जिनके पास फोटो आई डी होगी.
अधिक जानकारी के लिये…
Call… 9250145000
Whatsapp… 9999945010
Email … shivshiv1008@gmail. com
गुरूदेवजी….
मैं,
‘कुडंली आरोहण साधना ‘ हेतु आना चाहता हूँ परन्तु फिल्हाल मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है,
कृपया आप दिशानिर्देश करावे…👏👏👏👏