राम राम
सभी को महाशिव रात्रि की पुनः शुभकामनाएं।
किसी ने ग्रुप में लिखा है…
भांग की खुशबू आ रही है।
शायद शिव की खिड़की खुली रह गयी।
तो क्या शिव भांग का नशा कर रहे होंगे।
बिलकुल नही।
कोई भी शिव को नशेबाज या नशे की चीजों का शौक़ीन समझने की गलती न करे।
आज जान ही लेते हैं कि ऐसे पदार्थ जो सामान्य जीवन में प्रतिबंधित हैं उन्हें शिव को क्यू समर्पित किया जाता है।
1 भांग
भांग में एक तत्व ऐसा होता है जिसमें कैंसर के विषाणुओं को नष्ट करने की क्षमता होतीहै। कई देशों के विद्वान इसे इलाज में प्रयोग कर रहे हैं।
अधिक पूजा साधनाएं करने से ऊर्जा का जमाव का होता है। उसका उपयोग न किया जाये तो इसके कारण ट्यूमर कैंसर रसौली जैसे रोगों का खतरा रहता।
दुसरी बात जब भांग शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है तो उक्त रोगों की दूषित ऊर्जाएं आभामण्डल से निकल कर शिवलिंग के जरिये पाताल अग्नि में जाकर भस्म ही जाती हैं।
2 गांजा
गांजा के धुंवे में एलर्जी को खत्म करने की क्षमता होती है। जिससे दमा के रोग में राहत मिलती है। जंगलोन में भटक रहे सन्यासी स्वास् के रोग से बचने के लिये गांजा चिलम में भरकर पीते हैं।
3 धतूरा
धतूरा आभामण्डल में फैली जहरीली ऊर्जाओं को खीचकर पाताल अग्नि के हवाले कर देताहै।
मनुष्य का दिमाग बहुत तेज भागता है। उक्त जानकारी मिलने पर एक सवाल आया तो क्या इन चीजों का सेवन भी उचित है।
जवाब…नशे के रूप में बिलकुल नही।
इनका औषधीय सेवन कर सकते हैं। मगर उचित विधान के साथ।