प्रणाम मै शिवांशु
साधना की दुनिया में मेरा पहला कदम पूरा हुआ.
आगे गुरुदेव की गुप्त साधना हुई।
जिसके बारे में बताने की अनुमति मुझे नही।
उनकी साधना के पांच दिन बहुत ही दिव्य व् रोमांचित कर देने वाले थे।
मै उनकी झलक आप लोगों को दिखाना चाहता था। जिसे आप कभी न भूल पाते।
मगर ऐसा हो न सका।
मैंने गुरुवर से कल इस बारे में अनुमति मांगी थी, मगर अब तक जवाब नही आया. इसका मतलब वे अपनी गुप्त साधना का ब्यौरा गुप्त ही रखना चाहते हैं।
मगर वे एक बात से खुश हैं कि जहां आज के युग में लोग तड़क भड़क के मनोरंजन को प्राथमिकता देते है. वहीं आप लोग अध्यात्म की घटनाओं को एन्जॉय करते हैं। ये आपके मन की गहराईयों में पवित्रता और शुद्धता का प्रमाण है। निश्चित रूप से ये आपके भीतर बैठे साधक की पसंद है।
आपकी दिलचस्पी को देखते हुए जल्दी ही मै आपको अपनी एक खास साधना की जानकारी दूंगा। इसबार मै उसके तकनीकी पक्ष को भी बताऊंगा। ताकि आप जान सकें कि वो साधना आपके कितने करीब है। यह भी कि आप उसे कर सकते हैं या नही। इसके लिये मैंने गुरुवर से अनुमति ले ली है।
तब तक की राम राम।