आभामंडल की 6 परतों की सफाई
सभी अपनों को राम राम
मृत्युंजय शक्तिपात के प्रथम चरण में आज साधकों के आभामंडल की सफाई आरम्भ हुई.
ग्रहों के दुष्प्रभाव, वास्तु के दुष्प्रभाव, तंत्र के दुष्प्रभाव, प्रारब्ध के दुष्प्रभाव, गुस्से के दुष्प्रभाव, आलोचनाओं के दुष्प्रभाव आदि के कारण आभामंडल दूषित उर्जाओं से भर जाता है. दुषित आभामंडल तन-मन-धन की समस्यायें तो पैदा करता ही है साथ ही अध्यात्मिक उन्नति रोक देता है. इस कारण साधना सिद्धि के लिये आभामडल की सफाई सबसे पहले होनी चाहिये.
आज के शक्तिपात के दौरान मैने साधकों के आभामंडल की ऊपरी 6 परतों की सफाई की.
आभामंडल में कुल 49 परतें होती हैं. प्रतिदिन 6 परतों की सफाई होगी.
आभामंडल साफ होने से साधक खुलापन, हल्कापन महसूस करते हैं. ध्यान साधना के दौरान उन्हें उर्जाओं के रंग दिखने लगते हैं.
अनूभूतियां लगातार भेजें……
1. शक्तिपात ग्रहण कर रहे साधक अपनी अनूभूतियों में लिखें कि शक्तिपात के दौरान बंद आखों से उन्हें किस किस रंग की उर्जायें दिखीं.
2. कुछ लोगों ने देवत्व जागरण न होने की बात कही है. शक्तिपात के बेहतर परिणामों के लिये सभी को देवत्व जागरण रुद्राक्ष प्राप्त कर लेना चाहिये.
3. कुछ साधकों ने पूछा है कि देवत्व की जगह कुंडली जागरण रुद्राक्ष का उपयोग कर सकते हैं क्या.
नही शक्तिपात की उर्जाओं को ग्रहण करके साधक के रोम छिद्रों में स्थापित करने की क्षमता देवत्व जागरण और कायाकल्प रुद्राक्ष में ही होती है. जिनके पास शिव ज्ञान जागरण रुद्राक्ष है वे शक्तिपात के लिये उसका उपयोग कर सकते हैं.
4. शक्तिपात ग्रहण करने के बाद किन्ही दो जरूरतमंदों को भोजन देना न भूंलें. इससे बरक्कत होती रहेगी.
5. शक्तिपात लेते समय मृत्युंजय मंत्र ऊं. ह्रौं जूं सः का जप जरूर करें.
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.
शिव शरणं