महासंजीवनी रूद्राक्ष से उलझनें तिनके की तरह उड़ा दें.
कुछ साधकों ने महासंजीवनी रुद्राक्ष के बारे में पूछा है. उससे संजीवनी उपचार कैसे करें. इसकी जानकारी चाही है.
वैसे तो आपने जहां से महासंजीवनी रुद्राक्ष लिया होगा उसके साथ संजीवनी उपचार की विधि दी गई होगी. फिर भी मै आपको इसका विज्ञान बताता हूं.
आकार में बड़ा होने के कारण इसे धारण करना कठिन होता है. बड़े आकार के कारण महासंजीवनी संजीवनी रुद्राक्ष में उर्जा भंडारण की परमाणु संयत्रों जितनी क्षमता होती है. इस साइज के रुद्राक्ष में से 37 प्रतिशत में संजीवनी उपचार का विलक्षण गुण होता है.
संजीवनी उपचार की क्षमता वाला महासंजीवनी रुद्राक्ष अनवरत सूर्य की उर्जाओं से जुड़ा रहता है. वहां से हर क्षण अक्षय उर्जायें प्राप्त करता है. *जिनका उपयोग करने वाले अपने ही नही दूसरों के जीवन से भी उलझनों को तिनके की तरह उड़ा देते हैं*.
दूसरे रुद्राक्षों, रत्नों, यंत्रों की तरह महासंजीवनी रुद्राक्ष को भी उपयोग से पगले सिद्ध करना अनिवार्य होता है. इन्हें सिद्ध करने का अर्थ है चार्ज करना. इसे एेसे समझें जैसे शो रूम में रखा मोबाइल. तब तक काम नही कर सकता जब तक उसकी बैटरी चार्ज न हो.
मोबाइल को चार्ज करने के बाद मनमाफिक उपयोग के लिये उसमें एप इंस्टाल करने होते हैं. साथ ही नेटवर्क से कनेक्टिविटी और वैलिडिटी स्थापित करनी होती है.
एेसे ही रुद्राक्ष, रत्न या यंत्रों को सिद्ध करने के चार चरण होते हैं. पहले चरण में उन्हें उर्जित (चार्ज) किया जाता है. दूसरे चरण में उन्हें ब्रह्मांड में उस उर्जा स्रोत से जोड़ा (नेटवर्क कनेक्टिविटी) जाता है जिसकी उर्जाओं से काम लिया जाना है. तीसरे चरण में जो अध्यात्मिक काम लेने हैं, उनके लिये संकल्पित (एप इंस्टालेशन) किया जाता है. चौथे चरण में उनके उपयोग की अवधि (वैलिडिटी) तय की जाती है.
आप में से जिनके पास इस तरह से सिद्ध रुद्राक्ष या रत्न या यंत्र हैं, उनको कैसे यूज करें इसकी विधि मै कल बताउंगा.
हर हर महादेव
मृत्युंजय योग हेल्पलाइन-9999945010