देवी महासाधना: पहला दिन

7 अप्रैल 2016
मेरी देवी महासाधना: मातृ शक्ति में साक्षात्कार
…… पहला दिन.

प्रणाम मै शिवांशु
बात 2009 की है. गुरुवर अपने एक आध्यात्मिक मित्र से मिलने कानपुर के पास बिठूर गए थे. मै भी साथ था. गुरुदेव के वे मित्र देवी साधक थे. उन्हें देवी माँ की सिद्धी थी. इतनी कि मेरे मस्तक को छूकर 3 मिनट के भीतर मुझे देवी दर्शन करा दिये.
वो अलग बात है कि देवी दर्शन के दौरान मैंने आत्म विवेचना शुरू कर दी. खुद से ही सवाल पूछने में व्यस्त हो गया. क्या सच में देवी माँ ऐसी ही होती हैं. मै जो देख रहा हूँ ये हकीकत है या मेरी कल्पना. क्या इतनी आसानी से माँ के दर्शन हो सकते हैं.
मेरी मनोदशा को भांपकर देवी माँ ने मुझे वहां मौजूद लोगों के बारे में 3 गुप्त जानकारियां दीं. मै उनके बारे में पहले से नही जानता था. जब उन लोगों को बताया तो वे दंग रह गए. मै भी हैरान हुआ. मगर मै चूक गया. देवी माँ जा चुकी थी. आत्म विवेचना के कारण मै उन अनमोल पलों का दिव्य आनन्द न उठा सका.
सच बताऊँ तो देवी माँ का रूप ऐसा बिलकुल नही है जैसा हम तस्वीरों में देखते हैं. उनके उस सच्चे रूप का वर्णन करने की इजाजत महराज जी ने नही दी, वरना मै यहां बताता. सुनकर आप जरूर मोहित हो जाते.
महराज जी गुरुदेव के उन अध्यात्मिक मित्र को कहते थे, जिन्होंने मुझे देवी दर्शन कराये. गुरुवर भी उन्हें महराज जी ही सम्बोधित कर रहे थे. वे गुरुदेव को ऊर्जा नायक जी कहकर बुलाते थे.
महराज जी के चेहरे पर बडा ही भोलापन था. मैंने सुन रखा था कि देवी के साधक बड़े उग्र होते हैं. मगर महराज जी से मिलकर मेरी धारणा बदल गयी. वे हर पल मुस्कराते रहते थे. उनके साथ 11 और साधुओं की टोली थी. वे सब उनके शिष्य थे, देवी साधक थे. एक को छोड़कर बाकी सब भी महराज जी की तरह सरल थे.
मै उनसे पहली बार मिल रहा था.
उनमें एक उग्र थे. उनका नाम राधे था. वे कुछ ज्यादा ही उग्र और बेसब्र थे. जब हम वहां गए तो महराज जी के शिष्य गुरुदेव को दण्डवत करने के लिए एक साथ आगे आ गए. राधे जी भी उनमें थे.
इत्तिफ़ाक से मै राधे जी के और गुरुवर के बीच आ गया. दण्डवत करने के उतावलेपन में उन्होंने मुझे धक्का देकर गिरा दिया. इस बात का भी लिहाज नही किया कि मै उन्हीं के साथ आया हूँ जिसको दण्डवत करने के लिये वे उतावले हो रहे थे.
मै लड़खड़ाकर गिर गया. कमर और घुटने में बहुत चोट आयी. इतनी कि अपने आप उठना मुश्किल लग रहा था. राधे जी के दूसरे गुरुभाइयों ने दौड़कर मुझे उठाया. मगर वे जमीन पर साष्टांग लेटे हुए गुरुदेव को दंडवत करने में मगन थे. गुरुदेव ने उन्हें उठाकर आशीर्वाद में उनकी पीठ थपथपाई. ये देखकर मेरे मन में शिकायत के भाव उमड़ने लगे थे. आँखें कह रही थीं मुझे गिराने के बदले पीठ थपथपाई जा रही है.
इस बीच महराज जी अपने आसान से उठकर मेरे पास आ गए थे. मेरा हाथ पकड़कर आसन तक ले गए और अपने पास बैठा लिया. उन्होंने राधे जी को घूरकर देखा. बाद में महराज जी के दूसरे शिष्यों ने बताया कि अगर ऊर्जा नायक जी ने राधे जी की पीठ न थपथपाई होती तो उन्हें तगड़ी सजा मिलने वाली थी. ऊर्जा नायक जी ने बचा लिया.
तब समझ आया गुरुदेव ने उनकी पीठ क्यों थपथपाई.
गिरकर चोटहिल होने के कारण महराज जी को मुझसे बहुत सहानुभूति हो गयी थी. इसी लिये मेरे छोटे से आग्रह पर ही उन्होंने मुझे देवी दर्शन करा दिये. तब मैंने राधे जी को भी दिल से धन्यवाद दिया था.
वहां रहने के दौरान महराज जी से देवी सिद्धी के कई चमत्कार देखे. मेरा मन भी देवी सिद्धी करने को मचल उठा.
मैंने गुरुदेव से कह दिया. वे मुस्करा दिए. जिसका मतलब था कि मेरी बात को टाल दिया गया.
महराज जी भी मेरी मंशा समझ गए थे. उन्होंने मेरी तरफ से गुरुदेव से सिफारिश की. तो गुरुवर मान गए. उन्होंने महराज जी से कह दिया कि आप ही इसे देवी सिद्धी करा दें.
ये बात सुनकर महाराज जी कुछ दुविधा में पड़े दिखाई दिये.
मुझे लगा मामला फंस गया.
दरअसल महराज जी की साधना पद्धति से देवी सिद्धी में कम से कम 7 साल लगने वाले थे. इसी कारण वे दुविधा में पड़ गए थे.
गुरुदेव ने उनसे कहा आप परेशान न हों. मै इनकी ऊर्जाओं को देवी सिद्धी के लिये तैयार कर दे रहा हूँ. बाकी आप करा दीजिये.
महराज जी तुरन्त तैयार हो गए.
तय हुआ कि मेरे साथ महराज जी के 6 शिष्यों की ऊर्जाओं को भी गुरुदेव देवी सिद्धी के लिये तैयार करेंगे. ताकि उन्हें भी सरलता से सिद्धी मिल जाये. हलांकि वे लोग कई सालों से देवी साधनाएं कर रहे थे. उनमें राधे जी भी थे.
मेरी ये पहली देवी साधना थी.
साधना का मुहूर्त नवरातों का रखा गया. जो कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली थीं.
गुरुदेव ने मेरे सहित सभी साधकों की ऊर्जाओं पर उसी दिन से काम शुरू कर दिया. इसके लिये उन्होंने महासाधना पद्धति अपनाई. साधकों की संख्या कम होने के कारण तब हमें हर दिन लगातार 3 घंटे महासाधना करनी होती थी.
दो दिन बाद महराज जी के आग्रह पर उनके बाकी शिष्यों को भी महासाधना में शामिल कर लिया गया. महासाधना के दौरान हम सभी एक देवी यन्त्र को धारण करके बैठते थे. जो सोने से बना था. गुरुदेव यन्त्र को उर्जित करके साधकों की ऊर्जाओं और देवी माँ की ऊर्जाओं से जोड़ रहे थे. ये यन्त्र ही उस साधना का मुख्य उपकरण था.
जैसे इस महासाधना में कुंडली जागरण रुद्राक्ष को उपकरण बनाया गया है.
जिस तरह से इन दिनों चल रही महासाधना में गुरुदेव आपकी ऊर्जाओं को बड़े उद्देश्य के लिये तैयार कर रहे हैं. उसी तरह हमारी ऊर्जाओं को तैयार किया गया था.
अब आप भी तैयार हो जाइये देवी माँ का अपने जीवन में स्वागत करने के लिये.
आगे मै अपनी देवी महासाधना की जानकारी स्टेप बाई स्टेप दूंगा. मै कोशिश करूँगा कि देवी महासाधना में आपके साथ जो गुजरने वाला है, उसे एक दिन पहले बताता चलूँ. इससे देवी महासाधना आपके लिये सहज हो जायेगी.सामूहिक साधनाओं के परिणाम बड़े ही उत्साहजनक होते हैं.
नवरात के पहले दिन से हमारी साधना शुरू हो गयी. महासाधना हम पहले से ही कर रहे थे. सो अलग से कोई तैयारी न करनी पड़ी. बस मन्त्र बदल गया.
यज्ञदान के साथ हमारी साधना आरम्भ हुई. यज्ञदान रोज होना था. जिसे योग्य आचार्यों की टीम हमारे निमित्त अलग से कर रही थी.हमारा साधना क्षेत्र गंगा जी के किनारे शमशान भूमि से लगा हुआ था. सो साधना के दौरान दीप, धूप व् भौतिक पंचोपचार की जरूरत न थी.
शिव गुरु को साक्षी बनाकर, गुरुवर और महराज जी को प्रणाम करके देवी आवाह्न किया. उन्हें अपने मन के मन्दिर में आमन्त्रित करके मानसिक रूप से आचमन, स्नान, वस्त्र, तिलक, दीप, धूप, पुष्प, माला, भोग और दक्षिणा अर्पित कर दिया.
फिर अजपा ( बिना गिनती किये ) मन्त्र जप शुरू किया. हमें एक ही आसन पर 6 घंटे रोज जप करना था. क्योंकि हमारे साथ महासाधना में शामिल साधकों की संख्या कम थी. अगर साधकों की संख्या एक हजार से अधिक होती तो हमें रोज सिर्फ 10 मिनट मन्त्र की ही जरूरत होती. इन दिनों चल रही महासाधना में कई हजार साधक शामिल हो चुके हैं. इसलिये जो परिणाम मुझे 6 घण्टे की साधना में मिलना था. वो आप लोगों को 10 मिनट की साधना से ही मिल जायेगा.

पहले दिन का अनुभव कुछ खास न था. महासाधना के दौरान जो अनुभूतियाँ हो रही थीं, उतना ही हुआ.

क्रमशः.
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
शिव गुरु को प्रणाम
गुरुवर को नमन.

4 responses

  1. Ram Ram shivanshuji, Ati sundar. Aapki bhasha atyant saral aur prabhavshali hain. Ram ram

  2. RAM RAM BABA JI,

    I WANT TO ATTEND MAHA SADHNA HELP

    MY EMAIL RAMESHCHANDRASHARMA@REDIFFMAIL.COM

    THANKS

    RAMESH SHARMA

    GHAZIABAD

    8010106701

    1. Ram ram
      plz call orwhatsapp on 9999945010 or 9250300800.
      Thanx.

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