गुरुपूर्णिमाः कुंडली जागरण की बेला

गुरु पूर्णिमाः कुंडली जागृत करकेchakras उससे काम लेना सिखाया जाएगा.

प्रणाम मै शिवांशु
गुरुपर्व की तैयारियां शुरू हो गयी हैं.
इस गुरु पर्व पर वो होने वाला है जो पहले कभी नही हुआ.
गुरु पूर्णिमा 19 जुलाई 16 को है. दिल्ली आश्रम इस मौके पर शिव साधक सम्मलेन का आयोजन कर रहा है.
सम्मलेन में साधक गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुदेव के सम्मान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. कहने को तो साधक गुरुवर को उपहार देकर सम्मानित करेंगे.
मगर असली उपहार तो गुरुवर से उन्हें मिलने वाला है. वह भी ऐसा जैसा पहले किसी से न मिला है.
गुरुदेव सम्मेलन में आने वाले साधकों की कुंडली का जागरण करेंगे. साथ ही उसी समय जागृत कुंडली से काम लेना सिखाएंगे. आमतौर से गुरु लोग अपने खास शिष्यों की कुंडली जाग्रत तो कर देते हैं. मगर उससे काम लेना नही सिखाते.
जितना जरूरी कुंडली का जागरण है उससे अधिक जरूरी जाग्रत कुंडली से काम लेना होता है. जो अपनी कुंडली से काम लेना सीख गया समझो उसने जीवन जीत लिया.
भोग और मोक्ष की राह में उसे रोका नही जा सकता.
सामूहिक रूप से इसे कर पाना गुरुओं के लिए बहुत मुश्किल होता है. क्योंकि जब तक साधक पारंगत न हो जाये तब तक उसकी जाग्रत कुंडली की निगरानी करनी होती है. ताकि साधक कुंडली की ऊर्जाओं के वेग से किसी अनिष्ट का शिकार न होने पाये.
हर समय किसी की जाग्रत कुंडली पर नजर रखना काफी परिश्रम वाला काम है. साथ ही इसमें अत्यधिक ऊर्जाएं खर्चनी पड़ती हैं. इस कारण प्रायः अधिकांश गुरु इससे कतराते हैं.
मगर हमारे गुरुदेव परिश्रम से पीछे नही हटते. न ही वे दूसरों की सेवा से कतराते हैं.
उन्होंने तय किया है कि गुरु पूर्णिमा पर आने वाले लोगों की कुंडली जाग्रत करके उससे काम लेना सिखाकर ही भेजेंगे. इसके लिये विशाल ऊर्जाओं की जरूरत पड़ेगी. इन
ऊर्जाओं को अर्जित करने के लिये वे 15 मई से 15 जून के बीच गहन साधना करेंगे. ये साधना एकांत साधना या मौन साधना भी हो सकती है. इसके लिये कई त्याग करने होंगे गुरुवर को. इसी बीच बच्चों की छुट्टियां होंगी. साल में एक बार ही गुरुदेव को अपने बच्चों के साथ समय बिताने का मौका मिलता है. इस साधना के कारण इस बार वे उन्हें वैसा समय नही दे पाएंगे, जैसा चाहिये.
मैंने कल ही गुरुवर से ऐसा न करने का आग्रह किया था. तो बोले जो दूर दूर से गुरु पूर्णिमा पर मुझसे मिलने आएंगे, वे भी तो मेरे ही बच्चे हैं.
इसके आगे मै क्या कहता!
गुरुवर ने गहन साधना की तैयारियां शुरू कर दी हैं. उनकी साधना का लाभ सभी को मिले इसलिये हम सबको कुछ बातों का ध्यान रखना है…

1. कुंडली जागरण और उससे काम लेने की विधि उन्हीं को सिखाई जायेगी. जो सम्मेलन में पहुंचेंगे.
2. पात्रता के आधार पर ही कुंडली जागरण व् उपयोग विधि सक्रिय होगी. उसके लिये पात्र साधकों को उनकी ऊर्जा के आधार पर चिन्हित किया जायेगा.
3. गुरुदेव स्वयं चिन्हित करेंगे. ये प्रक्रिया काफी लम्बी होगी. सो इच्छुक साधक तत्काल अपना नया फोटो भेजें.
4. चयनित साधक सम्मेलन में आगे की कुछ पंक्तियो में बैठाये जायेंगे. उन्हें कुंडली उपचारक यंत्र के साथ बैठना होगा.
5. 15 मई से 15 जून के बीच की गहन साधना के दौरान गुरुदेव सभी चयनित साधकों के व्यक्तिगत रूप से कुंडली उपचारक यंत्र का निर्माण करेंगे. इसलिये इस क्रिया के लिये इच्छुक साधक 1 जून से पहले ही अपनी जानकारी उपलब्ध करा लें.
6. कुंडली उपचारक यंत्र के जरिये ही गुरुदेव अगले 6 माह तक साधकों की कुंडली पर नजर रखेंगे. 6 माह में अधिकांश साधक अपनी कुंडली से काम लेने लायक हो जाते हैं.
7. ध्यान रखें जिन्हें गुरुवर पर पूरा विश्वास न हो वे इस क्रिया के लिये कतई आवेदन न करें.
8. जो लोग इस क्रिया में शामिल नही हो सकेंगे वे भी बाद की पंक्तियों में बैठकर गुरुवर द्वारा की जानी वाली प्राण वर्षा का लाभ उठा सकेंगे.
प्राण वर्षा करके गुरुदेव साधकों के जीवन की रुकावटों को हटाएंगे.
9. जो साधक कुंडली जागरण और उसके उपयोग की क्रिया के लिए चयनित होंगे, उसनकी महासाधना का तरीका और समय 1 जून से बदल जायेगा.
उसकी जानकरी चयन के तत्काल बाद दी जायेगी.

जो लोग साधक सम्मेलन में आकर कुंडली जागरण व उपयोग सिद्दी में शामिल होना चाहते हैं वे 9999945010 पर काल या whatsapp से सम्पर्क कर लें. whatsapp संदेश की शुरूआत में कुंडली जागरण सिद्दी जरूर लिखें.
जो लोग गुरुवर के साथ whatsapp ग्रुप में जुड़ना चाहते हैं वे भी इसी नं. पर रिक्वेस्ट भेजें.
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.

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