जब देवी देवताओं के भी काम बिगड़ते हैं, तो वे मनोकामना पूर्ति के लिए रुद्धाभिषेक या शिवार्चन का सहारा लेते हैं. सावन के महीने में किया गया रुद्राभिषेक हजारों यज्ञों के बराबर फल देने वाला होता है. आप भी रुद्राभिषेक कराकर अपनी उर्जाओं का शोधन करें और उर्जन करें. अपनी आंतरिक शक्तियों का जागरण करें. समस्याओं से मुक्ति तो मिल ही जाएगी. साथ ही भोग के साथ मोक्ष की राह भी खुलेगी.
ध्यान रखें रुद्राभिषेक कराने वाला आचार्या वेदपाठी होना चाहिये. सदाचारी होना चाहिये. नशामुक्त होना चाहिये. पान, बीड़ी, सिगरेट, मसाला, शराब का सेवन न करने वाला होना चाहिये. कम बात करने वाला और कम खाने वाला होना चाहिये. जंकफूड न खाने वाला होना चाहिये. पूजा पाठ के समय अपना मोबाइल स्विच आफ करके रखने वाला होना चाहिये. ताकि उसके उर्यजाएं शुद्ध हों. यकीनन इससे जवन के सुख फलीभूत हो ही जाएंगे. एेसे आचार्य द्वारा किया गया रुद्राभिषेक आपके जीवन से दुखों को हटा कर सुख स्थापित करने वाला होगा इसमें कोई संदेह ही नहीं.
आप और आपके परिवार पर सदैव शिव कृपा बनी रहे एेसी हमारी कामना है.
शिव गुरु को प्रणाम
Thank you