शक्तिपात से सामूहिक सम्मोहन सिद्धि
सामूहिक शक्तिपात का मतलब आपके सामने एक भीड़ है और वह आपकी तरफ आकर्षित हो। आप को सुनना चाहे आप से प्रभावित हो। आपके प्रति सम्मोहित हो।
सामूहिक सम्मोहन सिद्धि-
इसको सिद्ध करने के लिए आप आराम से कहीं जमीन पर बैठ जाइए। जमीन पर नहीं बैठ सकते हैं तो कुर्सी पर बैठ जाइए।
अपनी दोनों आंखों को ऊपर की तरफ ले जाइए और 5 बार लंबी और गहरी सांस ले लीजिए। उसके बाद आंखों की पुतलियों को ऊपर की तरफ उठा दीजिए। आपको अपने दोनों भौहों के बीच में देखना है।
ऐसा करते हुए आपकी आंखों की स्थिति ऐसी बनेगी कि सामने से कोई व्यक्ति देखेगा तो उसको लगेगा आप शांभवी कर रहे हैं लेकिन आप शाम्भवी नहीं कर रहे हैं। आप एक सम्मोहन शक्ति को जगा रहे हैं जो हमारे पैदा होते ही ब्रह्मांड से आई हुई थी। जो कहीं पड़ी हुई थी। उसका एक्टिवेशन नहीं हुआ था और अब आप इसको एक्टिव कर रहे हैं।
जब हम बहुत सारे विचारों में चले जाते हैं। ज्यादा विचार हमारे दिमाग में होते हैं तो ब्रह्मांड से जो ऊर्जाएं हमको प्राप्त होती हैं। वह निरंतर आती रहती हैं। अगर इन ऊर्जाओं को हमारे पास आने में और हमारे लिए काम करने में कोई दिक्कत है तो हम अपने बहुत से विचारों में फँस जाते हैं। लेकिन बहुत सी शक्तियाँ ऐसी हैं जो निष्क्रियता को प्राप्त कर लेती हैं। उनमे से एक यह एक दैवीय शक्ति है जिसे सामूहिक शक्ति कहते हैं।
इसी शक्ति को हमे जगाना है। जगाने के लिए अपने आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाइए जो कि दोनों भौहों के बीच माथे के बीच में है। इन दोनों के बीच में आपको देखना है। केवल देखना है। उसके लिए आप की पुतलियां ऊपर की तरफ उठ जाएंगी। आपके अंदर सामूहिक यानि एक साथ अनेकों लोगों को सम्मोहित करने की शक्ति जागृत हो जाएगी और आपकी प्रयोग में आनी शुरू हो जाएगी। यह आपको रोज करना है।
जिनको प्रैक्टिस नहीं है। वो जब करेंगे तो आप देखेंगे आपकी आंखों में दर्द, जलन शुरू हो जाएगी। यह सम्मोहन जागृत की साधना है। इसी पर टिके रहना है। उसके आगे या पीछे कुछ अलग से नहीं जोड़ना है। मानसिक रूप से ऊर्जाओं को कोई उपदेश नहीं देना है। कि आप क्या कर रहे हैं। सिर्फ एक ही मैसेज होना चाहिए कि आप अपनी सम्मोहन शक्ति को जगा रहे हैं। उसको एक्टिवेट कर रहे हैं और उसका प्रयोग करेंगे। बस इतनी सोच के साथ आपको लगातार करना है।
जब आपकी आंखों में दर्द, जलन, सिर दर्द, आँखों में लाली होना या आँसूं बहने जैसे महसूस होने लगे तो आप उठ कर आंखें बंद कर लीजिए। जब तक प्रैक्टिस नहीं होगी तब तक ऐसा होता रहेगा। इसलिए प्रैक्टिस करते रहिए। चश्मा लगाते हैं तो हटा कर प्रैक्टिस करिए। आपको धुंधला दिखे तो धुंधला ही देखिए। फिर एक दिन आपकी आंखें सेट हो जाएंगी और फिर साफ भी दिखने लग जाएगा। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
व्यक्तिगत सम्मोहन विद्या से आँखों का फोकस ठीक होता है। सामूहिक विद्या से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इससे आज्ञा चक्र से लेकर थर्ड आई चक्र की ऊर्जाएं जागृत होती हैं।
यह प्रैक्टिस आपको रोज करनी है। जब दर्द, जलन, सिर दर्द होना बंद न हो जाए और जब आप ऊपर की तरफ देखते हुए आँखें झपकना बंद न हो जाएं। तब तक आप इसको करते रहिए। जब आंखें टिकने लग जाए। आराम से माथे के बीचोबीच देख पाने में समर्थ हो जाए। तो समझिए यह सामूहिक सम्मोहन सिद्धि जागृत हो चुकी है और फिर इसके परिणाम भी बहुत अच्छे दिखेंगे।
——————————————————–