
रजिस्टर्ड हुए साधकों का उर्जा कन्क्टिविटी अनुष्ठान सम्पन्न हो रहा है। मृत्युंजय योग द्वारा सम्पन्न हो रहे अनुष्ठान के द्वारा साधकों की एनर्जी की कन्क्टिविटी हो गई है। उनके आभामंडल को माता पीताम्बरा के आभामंडल के साथ जोड़ गया है। साधना मंत्र को उन साधकों के भीतर स्थापित किया गया है। एेसे साधक आगे दिये विधान से मां पीताम्बरा की साधना सम्पन्न करें।
पीताम्बरा सिद्धि साधना सामग्री….
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं बगलादेवी त्रैलोक्य विजयी कुरु कुरु स्वाहा
देवी- मां पीताम्बरा का बगलादेवी स्वरूप
साधना मुहुर्त- नवरात्रि में
यदि नवरात में न कर सकें तो किसी भी शुभ मुहुर्त में करेंप
दिन या रात- सुविधानुसार कोई भी समय फिक्स करें
साधना कितने दिन की- 9 दिन की
दीपक- सरसों के तेल का
आसन- पीला या लाल
वस्त्र- साफ-सुगंधित पीले
भोग- बेसन से बनी मिठाई
फल- केला
साधना स्थल-
पूजा स्थल या कोई भी साफ सुथरी जगह
माला- हल्दी माला, 108 मनके वाली
(नोट- जो साधक 2 घंटे रोज के हिसाब से साधना कर रहें हैं, उन्हें माला की आवश्यकता नहीं)
साधना विधान…
शुभ मुहुर्त में अपनी सुविधानुसार निर्धारित समय पर साधना करें। रोज एक ही टाइम को साधना के लिये फिक्स रखें।
साधना स्थल में जायें। पूरब मुख होकर बैठ जायें। 3 बार जल आचमन करके शुद्धीकरण करें। इसके लिये हाथ धो लें। फिर
1- ॐ श्री केशवाय नमः कहकर हथेली पर थोड़ा जल लें।
बोलें- मेरे स्थुल शरीर से आलस्य, असंयम और बीमारियां दूर हों।
एसा बोलकर हथेली के जल को पी लीजिये।
2- ॐ श्री नारायणाय नमः कहकर हथेली पर जल लें।
बोलें- मेरे सूक्ष्म शरीर से लोभ, मोह, क्रोध, ईष्या और भय दूर हो।
एसा बोलकर हथेली के जल को पी लीजिये।
3- ॐ श्री माधवाय नमः कहकर हथेली पर जल लें।
बोलें- मेरे परा शरीर से अविवेक और अनास्था दूर हो।
एसा बोलकर हथेली के जल को पी लीजिये।
4- ॐ श्री ऋषिकेशाय नमः कहकर हथेली पर जल लें।
बोलें मै पाप और दुखों से मुक्त रहूं।
जल को धरती पर गिरा दें।
5- ॐ श्री गोविंदाय नमः बोलकर थोड़ा जल हथेली पर लें। अपवित्रो पवित्रो भव बोलकर उसे अपने ऊपर छिड़क लीजिये।
श्री गणेशाय नमः बोलकर दीपक जला लीजिये। धूप जला दें। भोग प्रसाद अर्पित कर दें। आसन पर पूरब मुख होकर बैठें। घर के मंदिर में स्थापित सभी देनों को प्रणाम करें। अपने कुलदेव को प्रणाम करें। उसके बाद आगे दिये आग्रह और संकल्प बोलें।
संकल्प, आग्रह- 1- संजीवनी उर्जा से शक्तिपात करके दैवीय शक्ति और पवित्रता का आग्रह करें। कहें- दिव्य संजीवनी शक्ति मुझ पर दैवीय उर्जाओं का शक्तिपात करें। मेरे तन, मन, मस्तिष्क, आभामंडल, उर्जा चक्र और रोम रोम को उर्जित करें। पवित्र करें और साधना सिद्धि हेतु सक्षम बनायें। मुझे मेरे गुरूदेव भगवान शिव के चरणों से जोड़ कर रखते हुए मेरे आभामंडल को माता पीताम्बरा के आभामंडल से जोड़ दें।
आपका धन्यवाद।
संकल्प, आग्रह- 2- भगवान शिव को साक्षी बनायें। कहें- हे मेरे गुरूदेव देवाधिदेव महादेव आपको प्रणाम। मेरे मन को पवित्र और सुखमय शिवाश्रम बनाकर माता महेश्वरी और गणेश जी सहित सपरिवार मेरे मन मंदिर में विराजमान हों। आपको साक्षी बनाकर मै
‘ॐ ऐं ह्लीं बगलादेवी त्रैलोक्य विजयी कुरु कुरु स्वाहा’
मंत्र का जप करके पीताम्बरा सिद्ध साधना सम्पन्न कर रहा हूं। सफलता और सिद्धी हेतु मुझे अनुमति प्रदान करें। दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें। मां पीताम्बरा की अनुकूलता प्रदान करें।
आपका धन्यवाद।
संकल्प, आग्रह- 3- माता पीताम्बरा से सिद्धि का आग्रह करें। कहें- हे माता पीताम्बरा आपको प्रणाम। मेरे मन मंदिर में विराजमान होकर मेरी साधना स्वीकारें। अपने गुरू भगवान शिव को साक्षी बनाकर मै
‘ॐ ऐं ह्लीं बगलादेवी त्रैलोक्य विजयी कुरु कुरु स्वाहा’
मंत्र का जप करके आपकी साधना सम्पन्न कर रहा हूं। और इसे स्वीकार करें, साकार करें। मुझे त्रैलोक्य विजयी बनायें, मेरी और मेरे द्वारा इच्छित सभी लोगों की कामनायें पूरी करें।
आपका धन्यवाद।
संकल्प, आग्रह- 4- मंत्र से सिद्ध उर्जाओं का आग्रह करें। कहें- हे दिव्य मंत्र ‘ॐ ऐं ह्लीं बगलादेवी त्रैलोक्य विजयी कुरु कुरु स्वाहा’ आपको नमन।
मेरी भावनाओं से जुड़कर मेरे लिये सिद्ध हो जायें। मुझे पीताम्बरा सिद्धि की सक्षम उर्जायें प्रदान करें।
संकल्प, आग्रह- 5- अपनी शक्तियों से सिद्धि का आग्रह करें। कहें- मेरे तन, मन, मस्तिष्क, आभामंडल, उर्जा चक्र, रोम रोम, हृदय सहित सभी अंगों, कुंडलिनी सहित सभी शक्ति केंद्र और मेरे 33 लाख से अधिक रोम छिद्रों। आप सब पीताम्बरा सिद्धि मंत्र
‘ॐ ऐं ह्लीं बगलादेवी त्रैलोक्य विजयी कुरु कुरु स्वाहा’ के साथ जुड़ जायें।
इनके बीज मंत्रों को अपने भीतर स्थापित कर लें। मेरे साथ मिलकर इस मंत्र का जप करके पूरे ब्रह्मांड को मंत्र जाप से गुंजायमान कर दें। ब्रह्मांड से त्रैलोक्य विजयी पीताम्बरा सिद्धि की उर्जाओं को ग्रहण करके अपने भीतर प्रवाहित करें। मुझे पीताम्बरा सिद्धी हेतु सक्षम बनायें।
उसके बाद मंत्र जप आरम्भ करें।
निर्धारित जप पूरा होने के बाद ‘ॐ इंद्राय नमः’ बोलकर उठ जायें।
ऐसे ही प्रतिदन साधना करें। 9 दिन में साधना पूरी करें।
साधना के दिनों में आगे दिये विचारों , मनोभानों को निरंतर मन में चलायें। इससे अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग होती है। साधना सिद्धी आसान होती है।
सब कांशियस माइंड एक्टिवेशन तकनीक के मुताबिक आगे दी बातें निरंतर सोचें …
- पीतांबरा अनुष्ठान पूरा होते ही आपकी अदृश्य चेतना हायर डाइमेंशन से जुड़ गई है
- उसके बाद साधना शुरू करते ही आपकी शक्तियां मां पीतांबरा की ऊर्जाओं के साथ मिलकर सिद्ध हो गई हैं
- आपकी क्षमताएं किंगमेकर जैसी हो रही हैं
- आपकी इज्जत, शोहरत चारों तरफ फैल रही है
- लोग आपकी तरफ खिंचे चले आ रहे हैं
- आपके संपर्क में आते ही उनके बिगड़े काम बन रहे हैं
- बड़े बड़े महत्वपूर्ण लोग भी पद-प्रतिष्ठा के लिए आपके पास आ रहे हैं
- आपसे मिलकर उनका सोचा पूरा हो रहा है
- काम बनने से लोग आपके जबरदस्त फॉलोवर हो रहे हैं
- आपके कहने से वे दूसरों की भी तन, मन, धन से सेवा कर रहे हैं
- आपके लिए समर्पित लोग आपके लिए कुछ भी करने को तत्पर हैं
- आप जरूरतमंदों के लिए हर तरह से मदद करने में सक्षम हो चुके हैं
- आपकी तरफ से अनेकों जरूरतमंदों की शादी ब्याह, शिक्षा, भोजन, इलाज की व्यवस्था की जा रही है
- अनेकों लोग अपनी तरफ से आपसे इन सब व्यवस्थाओं में तन, मन, धन से सेवा करने का आग्रह कर रहे हैं
- अपनी सिद्धियों से आप विनम्रता पूर्वक निरंतर लोगों की सेवा कर रहे हैं
- लोगों के मन में आपके प्रति सम्मान, समर्पण और उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है
- उदारता और जन सेवा से मां पीतांबरा आपसे खुश हैं। आपको निरंतर दैवीय सहायता, सुरक्षा और लोक कल्याणकारी शक्तियां प्रदान कर रही हैं
- इससे आपकी आत्मा का उत्थान भी हो रहा है। आपकी आत्मा देवात्मा बन रही है। आपको देवसुख प्राप्त हो रहे हैं
- बिना अहंकार आप हायर डाइमेंशन की शक्तियों का उपयोग कर रहे हैं
जय माता दी।
साधना हेल्पलाइनः 9250500800