
जो लोग धन-समृद्धि-मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, शांति-सुख, उत्तम स्वास्थ, दिव्य ज्ञान, उन्नति चाहते हैं। उन्हें नवरात में देवी शक्ति जागरण का अवर गवांना नही चाहिये। इन दिनों देवी मां की उर्जायें जीवन उत्थान के लिये तत्पर रहती हैं। बस आपको उनके साथ जुड़ जाना है। देवी मां की उर्जाओं से जुड़कर उन तक अपनी बात पहुंचाने का यहां मै एक सरल व प्रभावशाली साधना विधान बता रहा हूं. सावधानी पूर्वक समझें और अपनायें. देवी मां की कृपा पायें। विशेष रूप से इस साधना को लोग आर्थिक संकट, कर्ज, बीमारियों से मुक्ति के लिये अपनाते हैं।
अपने आभामंडल को मां भवानी के आभामंडल के साथ जोड़ लें। ब्रह्मांडीय उर्जाओं का आवाहन कर लें। उर्जा चक्रों में बीज मंत्रों की स्थापना कर लें। 33 लाख रोम छिद्रों में साधना मंत्र को स्थापित कर लें। साधना के दौरान निरंतर ब्रह्मांड की दैवीय उर्जाओं के साथ जुड़े रहें। समझिये साधना की सिद्धी मिल ही गई। यह ऋषियों द्वारा रचा साधनाओं उर्जा विज्ञान है। कभी विफल नही जाता।
इसके लिये उर्जा उपकरण को सिद्ध करना होता है। जो साधक के आभामंडल, उर्जा चक्र, ब्रह्मांडीय उर्जाओं और इष्ट की उर्जाओं को हर समय जोड़ कर रखता है। अध्यात्मिक विद्वान उर्जा उपकरण के तौर पर विभिन्न तरह की दिव्य जड़ी, बूटी, वनष्पतियों, माला, कंठी, यंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, तांत्रिक विज्ञान की वस्तुओं, पूजा-पोटली आदि का उपयोग करते हैं।
नवरात में देवी शक्ति सिद्धी के लिये एनर्जी गुरू श्री राकेश आचार्याजी इसी तरह सिद्ध शक्ति पोटली का विधान बता रहे हैं। शक्ति पोटली को साधक खुद सिद्ध कर लें या किसी विद्वान से करा लें।
साधना सामग्री-
1. शक्ति पोटलीः…
इसमें प्राकृतिक दिव्य वनष्पतियों वस्तुओं का संकलन होता है। उन्हें साधना हेतु जाग्रत करके सिद्ध किया जाता है। फिर देवी मां और साधक की उर्जाओं के साथ जोड़ दिया जाता है। मंत्र की उर्जाओं के साथ जोड़ दिया जाता है। ब्रह्मांड की उर्जाओं के साथ जोड़ दिया जाता है। इसे साथ रखकर साधना करने से साधक हर क्षण मां भगवती की उर्जाओं से जुड़ा रहता है। साधक अपनी सुविधानुसार इसे किसी भी योग्य विद्वान से बनवाकर सिद्ध करा सकते हैं।
चाहें तो मृत्युंजय योग संस्थान से भी शक्ति पोटली सिद्ध करा सकते हैं।
शक्ति पोटली सिद्धी लिंक…
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2. मंत्र जप मालाः… इसके लिये रुद्राक्ष या हल्दी की माला का उपयोग करें. जप से पहले माला को महामाया महामाल्यै नमः मंत्र से सिद्ध करके अपनी उर्जाओं के साथ जोड़ लें.यह प्रक्रिया बहुत जरूरी है.
3. लाल आसन
4. सरसों के तेल का दीपक
5. कलश
साधना मंत्र…
आयुर्देहि धनम् देहि विद्या देहि महेश्वरी
समस्तम् अखिलाम् देहि देहि मे परमेश्वरी
मंत्र का भावार्थ- किसी भी मंत्र का अर्थ पता हो तो मंत्र जप भावनाओं से चलता है एेसे में मंत्र तेजी से असर करता है. उपरोक्त मंत्र में देवी मां से कहा जा रहा है कि लम्बी व सुखमय आयु दें, धन दें, विद्या यानि ज्ञान दें और हे परमेश्वरी संसार की वे समस्त चीजें दें जिसकी जीवन में आवश्यकता है. अर्थात् सभी मनोकामनायें पूरी करने का आग्रह देवी मां से किया जा रहा है.
मंत्र जप संख्या…
मनोकामना पूरी करने के लिये प्रतिदिन 1 माला जप करने से देवी मां की प्रशन्नता प्राप्त हो जाती है। देवी मां के दर्शन करने इच्छुक साधक प्रतिदिन 11 माला जप करते हैं.
साधना मुहूर्त…
9 दिन की इस साधना को आवश्यकतानुसार किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है. मगर विद्वान इसे नवरात के दिनों में सिद्ध करने की प्राथमिकता देते हैं.
साधना विधान…
पूजा स्थल को साफ सुथरा करके आसन पर आराम से बैठ जायें.
दीपक जला लें. कलश स्थापित कर लें.
5 मिनट मृत्युंजय प्राणायाम करें.
इसके लिये त्रयक्षरी मत्युंजय मंत्र ऊं. ह्रौं जूं सः का उपयोग करें. ऊं ह्रौं जपते हुए गहरी और लम्बी सांस अदर खींचे. फिर जूं सः जपते हुए सांस को धीरे धीर छोड़ें. इसे मत्युंजय प्राणायाम कहा जाता है. इससे आभामंडल, उर्जा चक्र, कुंडलिनी सक्रिय हो जाते हैं. साथ ही आलस्य और रोगों से मुक्ति मिलती है.
मृत्युंजय शक्ति से शक्तिपात का आग्रह करें. कहें- हे दिव्य मृत्युंजय शक्ति मुझ पर दैवीय उर्जाओं का शक्तिपात करें. मेरे तन-मन-मस्तिष्क आभामंडल उर्जा चक्र कुंडलिनी का जागरण करके मुझे शक्ति सिद्धि अर्जित करने हेतु सक्षम बनायें. मुझे मेरे गुरू जी के चरणों से जोड़कर रखते हुए शक्ति पोटली के माध्यम से मेरे आभामंडल को देवी मां के साथ जोड़ दें.
भगवान शिव से दैवीय सहायता का आग्रह करें. कहें- हे देवों के देव महादेव आपको मेरा प्रणाम है. मेरे मन मंदिर में माता महेश्वरी सहित सपरिवार विराजमान हों. आपको साक्षी बनाकर मै शक्ति साधना कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें.
देवी मां से साधना स्वीकारने का आग्रह करें. कहें- हे जगतजननी मां आपको मेरा प्रणाम है. अपने समस्त स्वरूपों में मेेरे मन मंदिर में विराजमान हों, मेरे द्वारा की जा रही साधना को स्वीकार करें साकार करें. मुझे धन-समृद्धि, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, शांति सुख, वैभव-उन्नति और दिव्य ज्ञान प्रदान करें.
मंत्र से सिद्धि का आग्रह करें. कहें- दिव्य देवी सिद्धि मंत्र आपको मेरा प्रणाम है. मेरी भावनाओं के साथ जुड़कर मेरे लिये सिद्ध हो जाइये और मुझे देवी सिद्धि प्रदान करें.
माला से जप सिद्धि का आग्रह करें. कहें- हे दिव्य माला आपको मेरे लिये सिद्ध किया गया है, मेरी भावनाओं से जुड़कर सदैव मेरे लिये सिद्ध रहें और मुझे मंत्र जप की सिद्धि प्रदान करें.
शक्ति पोटली से उर्जा जुड़ाव का आग्रह करें. कहें- हे दिव्य शक्ति पोटली आपको मेरे लिये सिद्ध किया गया है. आप मेरी भावनाओं से जुड़कर मेरे आभामंडल को भगवती मां के आभामंडल के साथ जोड़ दें. और साधना के दौरान हर क्षण मुझे देवी मां के साथ जोड़े रखें.
उपरोक्त संकल्पों के बाद पूर्व मुख होकर मंत्र जप करें.
9 दिन की साधना पूरी होने के बाद शक्ति पोटली बहते पानी में प्रवाहित कर दें. और मां भगवती की कृपा का सुखद इंतजार करें.
नवरात के दिनों में जो लोग अन्य पूजा पाठ करते हैं वे चाहें तो उसे अपने मुताबिक करते रहें.
जय माता दी।
साधना हेल्पलाइनः 9999945010