साधना के समय अचानक से बेमौसम तेज हवायें, आंधी तुफान, बरसात शुरू हो जाये तो डरें नही। मंत्र जप जारी रखें। अपने आपपास किसी के होने, अदृश्य आवाजें आने, हंसी, पायल-घुंघुरु की आवाज, चूड़ी खनकने की आवाज, किसी की छुअन, फुसफुसाहट या पास बैठे होने का अहसास हो तो विचलित न हों। मंत्र जप जारी रखें। आप देव सुरक्षा में होंगे इसलिये बिना घबराये उत्साह के साथ साधना पूरी करें।

- साधना के फल…
- धन-धान्य समृद्धि
- आकर्षण , सम्मोहन
- तन, मन, धन के सुख
- सब विधि की देव सुरक्षा
- गोपनीय विद्याओं की सीख
- लोक-परलोक की जानकारी
- सामाजिक, आर्थिक, अध्यात्मिक उन्नति
कमला योगिनी साधना का विधान व नियम
कमला लक्ष्मी योगिनी साधना अति गोपनीय मानी जाती है। ये माता लक्ष्मी की सहायक देवी हैं। धन, धान्य, सुख, सुरक्षा, आकर्षण, सम्मोहन, देने के साथ ही साधक को दृश्य-अदृश्य रूप से गोपनीाय विद्यायें भी सिखाती हैं। लोक- परलोक की जानकारी देती हैं। आर्थक, सामाजिक के साथ ही अध्यात्मिक उन्नति की परिस्थितयां प्रदान करती हैं। इन्हें सिद्ध करने का मतलब है माता लक्ष्मी की शक्तियों को सिद्ध कर लेना। इनकी सिद्धि जन्मों से चली आ रही महादरिद्रता को भी खत्म कर देती है। साधक को राज सुख देती है।
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कमला योगिनी मंत्र…
ॐ श्रीं ह्रीं कमला योगिन्यै धन धान्य सिद्धि देहि श्रीं ह्रीं ॐ
उर्जा कनेक्टिविटी के लिये अनार दाना की आहुतियों से हवन रोज सम्पन्न करें। इस साधना में गुरू का मार्गदर्शन और यज्ञ अनिवार्य है। इसके बिना सिद्धि सम्भव नही।
ॐ श्रीं ह्रीं कमला योगिन्यै धन धान्य सिद्धि देहि श्रीं ह्रीं ॐ
मंत्र के निर्धारित संख्या में जप के बाद इसी मंत्र से दशांश हवन रोज करना है। इससे दैवीय उर्जा कनेक्टिविटी प्रबल होती है। साथ ही मंत्र जप और साधना का पुण्य फल यानी प्राप्त उर्जायें फलित होकर सिद्धियों में कन्वर्ट होती हैं।
हवन खुद न कर सकें तो योग्य आचार्यों द्वारा सम्पन्न करायें। मृत्युंजय योग संस्थान में रजिस्टर्ड साधकों के लिये यज्ञ अनुष्ठान 21 दिन रोज किया जाएगा।
उपलब्ध हो तो लक्ष्मी जी का फोटो रखें या श्री यंत्र रखें। पूजा स्थान पर रख लें। उसमें माता लक्ष्मी का आवाहन करें।
साधना के लिए पीले या लाल आसन का उपयोग करें
अगर लाल आसन ना हो तो जो भी आसन है . उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा कर बैठे।
साधना के समय पीले वस्त्र धारण करें
साधना के समय साफ, सुगंधित, आकर्षक पीले कपड़ें पहनें।
पीले उपलब्ध न हों पीताम्बरी ओढ़ लें।
इत्र लगाएं।
साधना स्थल पर सुगंध करें ।
सरसों के तेल का दिया जलाएं
उसमें छोड़ा कपूर और 2 हरी इलायची डालें। इलायची बार बार बदलें नहीं। वे साधना पूरी होने तक दीपक में ही रहेंगी।
दूध वाली मीठी चीज का भोग लगाएं
देवी कमला योगिनी को दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगायें। उसी का भोग माता लक्ष्मी को भी लगायें। बाद में प्रसाद आप खुद और घर के लाग खा लें।
मंत्र जाप के लिए कमलगट्टा माला का उपयोग करें
जिन साधकों के पास कमलगट्टा की माला नही है वे स्फटिक या शंख माला का उपयोग कर सकते हैं। यदि ये माला भी उपलब्ध न हों तो सिद्ध की हुई रुद्राक्ष माला का उपयोग करें।
साधना का समय। साधना आप अपनी सुविधा अनुसार रात 10 बजे के बाद कभी भी शुरू कर सकते हैं।
निर्धारित शुभ मुहूर्त में पहले दिन 21 माला मंत्र जाप करना है। अगर बीच में उठना पड़े तो मंत्र जप 2-3 बार में पूरा कर सकते हैं।
आज के बाद रोज 11 माला मंत्र जप 21 दिन तक सम्पन्न करना है।
21 दिनों तक कमला सरोवर में देवी लगातार वास करेंगी। यह विचार हमेशा ध्यान में रखें। उनकी उपस्थिति के कारण हर दिन कुछ न कुछ नया अनुभव होता रहता है। सकारात्मकता बनाए रखें। देवी के प्रति अपना व्यवहार समर्पण भरा रखें।
अकारण गुस्सा बिल्कुल न करें।
किसी की आलोचना न करें।
बीच में अशुद्ध होने की दशा में महिला साधक शुद्ध होने के बाद साधना पुनः शुरू करें।
सूतक लगने की दशा में साधना नही करनी है। यदि सूतक लगे तो उसके बीतने के बाद पुनः साधना शुरू करें।
साधना विधि …
कमला का अर्थ है कमल के पुष्प जैसी। ये मां लक्ष्मी का ही एक नाम है। इनका निवास कमल के फूलों वाले सरोवर/ तालाब में होता है। इसीलिये सिद्ध संतों द्वारा कमला योगिनी की साधना कमल के फूलों वाले तालाब या सरोवर के किनारे करने का विधान निर्धारित किया गया है। रात 10 बजे के बाद जब एकांत का सन्नाटा छा जाये तब साधना का समय शुरू होता है। समर्पित साधक कमल के फूलों वाले सरोवर/ तालाब के किनारे जाते हैं। भोर तक साधना करते हैं।
घर में ही कमला सरोवर का निर्माण
घर ग्रहस्थी से मुक्त समर्पित साधक तो सरोवर/ तालाब के किनारे का विधान निभा लेते हैं। किन्तु ग्रहस्थ जीवन वाले साधकों के लिये यह बहुत कठिन है।
एनर्जी गुरू एवं शिवशिष्य श्री राकेश आचार्या जी को हिमालय साधना के दौरान सिद्ध संतो से कमला योगिनी साधना का विधान प्राप्त हुआ। उन्होंने आभामंडल, उर्जा चक्रों और ब्रह्मांडीय उर्जाओं का सीधा उपयोग करके विधान को अधिक सरल व प्रभावी बनाकर प्रस्तुत किया है। जिससे ग्रहस्थ जीवन के साधक अब घर से ही इस दुर्लभ साधना को कर पा रहे हैं। लाभ उठा रहे हैं। वे घर में ही कमला सरोवर का निर्माण करके साधना सम्पन्न कर लेते हैं।
इसके लिये साधना स्थल पर ही कमल के फूलों वाला प्रतीक सरोवर/ तालाब बना लिया जाता है।
इसे कमला सरोवर कहा जाता है। इसके लिये टब या तसला टाइप का एक बर्तन लें। जिसमें 5 से 10 लीटर तक पानी आ जाये। उसमें साफ पानी भर लें। कमल के डंठल वाले 4 फूल टब के पानी में डाल दें। कमल के कुछ पत्ते मिल सकें तो वे भी फूलों के साथ पानी में छोड़ें। इस तरह तैयार कमला सरोवर में ब्रह्मांडीय शक्तियों का आवाहन करके देवी कमला योगिनी का आवाहन करें।
1ः श्री गणेश से निर्विघ्नता का आवाहन। कहें- हे गौरी नंदन गणेश जी आपको प्रणाम। मै भगवान शिव को साक्षी बनाकर कमला योगिनी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। आप मेरी साधना को निर्विघ्न करें।
आपका धन्यवाद।
2ः वरुण देव से उर्जा संकलन का आवाहन। साधना स्थल में जल से भरा कलश स्थापित करें। इसके लिये लोटे में साफ जल रखें। उसमें एक सिक्का डाल दें। उसे ढ़क दें। फिर उनके सामने विनती करें। कहें- हे जलदेव वरुण जी आपको प्रणाम। मै भगवान शिव को साक्षी बनाकर कमला योगिनी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। आप मेरे द्वारा किये जाने वाले मंत्र जप की दैवीय उर्जाओं का संकलन करके उनहें देवी उपयोग के लिये संरक्षित रखें।
आपका धन्यवाद।
कलश साधना पूरी होने तक वहीं रखें।
3ः षोडष मात्रिका से सिद्धि की सहायता मांगें। कहें हे सोलह माताओं आपको मेरा प्रणाम। मै भगवान शिव को साक्षी बनाकर कमला योगिनी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। सफलता हेतु आप सब मुझे सुरक्षा और सहायता प्रदान करें।
आपका धन्यवाद।
4ः नवग्रहों से पंचतत्व शक्ति की मांग करें। कहें हे सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू, केतु सहित सभी ग्रह नक्षत्रों आपको मेरा प्रणाम। मै भगवान शिव को साक्षी बनाकर कमला योगिनी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। सफलता हेतु आप सब मुझे अपने ग्रहों के दुष्प्रभावों से मुक्त रखते हुए अपनी सकारात्मक उर्जाओं से परिपूर्ण रखें। पंचतत्वों की उर्जाओं से सिद्धि हेतु सक्षम बनायें रखें।
आपका धन्यवाद।
5ः इसके लिये भगवान शिव से सिद्धि का आग्रह करें। कहें- हे देवाधिदेव महादेव मेरे गुरूदेव आपको मेरा प्रणाम। आपक साक्षी बनाकर मै कमला योगिनी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। इसकी सफलता हेतु मुझे अनुमति प्रदान करें। दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें। देनी कमला योगिनी की अनुकूलता प्रदान करें। साधना सिद्धि हेतु मैने साधना स्थल पर ही कमला सरोवर का निर्माण किया है। आप ब्रह्मांडीय उर्जाओं से इसे शक्ति सम्पन्न करके सिद्धि दायी बना दें।
आपका धन्यवाद।
6ः ब्रह्मांडीय उर्जाओं से शक्तिपात का आग्रह करें। कहें- हे दिव्य ब्रह्मांडीय उर्जाओं आपको नमन। मुझ पर और मेरे इस साधना स्थल पर दैवीय उर्जाओं का शक्तिपात करें। मेरे तन, मन, मस्तिष्क, आभामंडल, उर्जा चक्रों और रोम रोम को कमला योगिनी साधना हेतु उर्जित करें। सक्षम बनायें। मुझे मेरे गुरूदेव के चरणों से जोड़कर रखते हुए मेरे आभामंडल को देवी कमला योगिनी के आभामंडल के साथ जोड़ दें। और लगातार जोड़कर रखें।
साथ ही मेरे समक्ष स्थापित कमला सरोवर पर दैवीय उर्जाओं की बरसात करें। इस जल को और कमल के पुष्पों को कमला योगिनी के वास हेतु पवित्र और सुखमय देव स्थान बना दें। कमला सरोवर में देवी कमला योगिनी का वास सुनिश्चित करें।
आपका धन्यवाद।
7 कमला योगिनी से कमला सरोवर में वास और सिद्धि का आग्रह करें। कहें- दे माता लक्ष्मी की सहायिका देवी कमला योगिनी आपको मेरा नमन। मै अपने गुरू भगवान शिव को साक्षी बनाकर
मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं कमला योगिन्यै धन धान्य सिद्धि देहि श्रीं ह्रीं ॐ
का जप करके आपकी सिद्धि साधना सम्पन्न कर रहा हूं। आप आयें। मेरे समक्ष स्थापित कमला सरोवर के कमल पुष्पों में विराजमान हों। मेरे द्वारा की जा रही साधना को स्वीकार करें। साकार करें। सिद्ध होकर मेरे मन में आ जायें। मेरे जीवन में आ जायें। सशरीर मुझे अपने सानिध्य का सुख दें। धन, यौवन, समृद्धि सुख प्रदान करें। लोक कल्याण हेतु सदैव मेरे साथ रहें। अपनी शक्तियां प्रदान करें। दैवीय जानकारियां प्रदान करें।
आपका धन्यवाद।
8ः माता लक्ष्मी से सिद्धि का आग्रह करें। कहें- हे मां लक्ष्मी आपको प्रणाम। भगवान शिव को साक्षी बनाकर मै आपकी सहायिका देवी कमला योगिनी की सिद्धि हेतु
ॐ श्रीं ह्रीं कमला योगिन्यै धन धान्य सिद्धि देहि श्रीं ह्रीं ॐ
मंत्र जप कर रहा हूं। मुझ पर कृपा करें। मुझे कमला योगिनी सिद्ध का सुख प्रदान करें।
आपका धन्यवाद।
9ः मंत्र से सफलता का आवाहन करें। कहें- हे कमला योगिनी सिद्धि मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं कमला योगिन्यै धन धान्य सिद्धि देहि श्रीं ह्रीं ॐ
आपको नमन। मै भगवान शिव को साक्षी बनाकर आपका जप कर रहा हूं। आप मेरी भावनाओं से जुड़कर सिद्ध हो जायें। मुझे कमला योगिनी सिद्धि प्रदान करें।
आपका धन्यवाद।
उपरोक्त संकल्प और आवाहन के बाद 16 बार गहरी और लम्बी सासें लेकर प्रणायाम करें। उसके बाद 5 मिनट तक कोई योग या एक्सरसाइज करें। इससे उर्जाओं को रिसीव करने की क्षमता बढ़ती है।। या 5 मिनट ताली बजाकर उर्जा रिसिप्टीविटी बढ़ायें।
फिर उत्तर मुख होकर आराम से बैठ जायें। और उत्साह के साथ मंत्र जप शुरू करें।
मंत्र जप पूरा होने के बाद ऊं इंद्राय नमः बोलकर धरती माता को प्रणाम करें। उसके बाद उठ जायें।
कमला सरोवर को वहीं रहने दें। जब जरूरत महसूस तो तब उसके फूल बदलें।
शिव शरणं।