देश भर में एक हजार संजीवनी उपचारक सेंटर

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देश भर में एक हजार संजीवनी उपचारक सेंटर

संजीवनी उपचारक सेंटर के उद्देश्य
1.  लोगों की एनर्जी, आभामंडल, उर्जा चक्रों की जांच करके उनकी तन-मन-धन की परेशानियों के तनाव का कारण पता लगाएंगे।
इसके लिये उन्हें मृत्युंजय योग एनर्जी परीक्षण किट निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
2. लोगों को परेशानियों के तनाव से मुक्त कराने के लिये एनर्जी ठीक करने में उनका सहयोग करेंगे।
सभी जानते हैं, एनर्जी ठीक होते ही परेशानियां खत्म होती हैं। जीवन में खुशियों, सफलताओं, समृद्धि की स्थापना होती है।
इसके लिये एनर्जी गुरु श्री राकेश आचार्या जी के सरल सटीक उपाय निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर गुरुजी से सीधे संपर्क कर सकेंगे।
3. सभी केंद्र संचालक सेंटर में आने वाले लोगों को उपचारित करके खुद ही राहत दे सकें।
इसके लिये सभी संचालकों को निःशुल्क संजीवनी उपचार सिखाया जाएगा।
4. सभी संचालक अपने सेंटर पर ध्यान, साधनाएं नियमित रूप से कराएंगे।
इसके लिये मृत्युंजय योग द्वारा उन्हें साधना सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
5. सभी सेंटर सुखमय लाइफस्टाइल के लिये लोगों को उनकी ऊर्जाओं, कुंडली शक्ति, आभामंडल, उर्जा चक्रों से परिचित कराएंगे। उन्हें ठीक करके जाग्रत करने के लिये प्रशिक्षित करेंगे।
इसके लिये संचालकों को मृत्युंजय योग फाउंडेशन द्वारा अफिलेशन सर्टिफिकेट प्रदान करके उन्हें प्रशिक्षण हेतु अथराइज किया जाएगा।
6. सभी सेंटर संचालक किसी भी आपदा के समय लोगों की मदद के लिये शासन प्रशासन का सहयोग करेंगे। इसके लिये संचालकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही मृत्युंजय योग फाउंडेशन द्वारा उन्हें परिचय पत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
7. जो केंद्र संचालक इसे Career के रूप में अपनाना चाहेंगे, उन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाया जाएगा और उचित अवसर दिया जाएगा।

योग्यता…
1. जो अपनी दैवीय शक्तियों का उपयोग कर लोगों का कल्याण करना चाहते हैं। और इसके लिये ध्यान, योग, साधना करते आ रहे हैं।
2. जो खुद को मानवता के लिये सक्षम मानते हैं।
3. जो खुद को अपने साथ दूसरों की भी पीड़ा खत्म करने के योग्य मानते हैं।

पात्रता….
सभी संचालक कम से कम स्नातक तक कि शिक्षा प्राप्त होंगे। उनका कोई आपराधिक इतिहास न हो।
1. जिनके पास अपनी एनर्जी रिपोर्ट है और वे कम से  कम एक साल से ब्रह्मांडीय उर्जा स्नान नियमित रूप से कर रहे हैं। इसके अलावा नीचे दी पात्रता में से कोई पात्रता होनी चाहिये।
2. जो अपने क्षेत्र में योग, ज्योतिष, वास्तु, हीलिंग, पांडित्य कर्म आदि के द्वारा कम से कम एक साल से जनसेवा कर रहे हैं।
3. जो एलोपैथ, आयुर्वेद, होम्योपैथ या किसी भी चिकित्सा विधि से लोगों को उपचारित कर रहे हैं।
4. जो शिक्षा, प्रशिक्षण आदि के द्वारा कम से कम 3 साल से समाजसेवा कर रहे हैं।
सबका जीवन सुखी हो,
यही हमारी कामना है।

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