
2020 का आगाज…
*2019 की सांझ*…..गलतियों को विसर्जन जरूरी
रात 12 बजे से पहले ऊर्जा अनुष्ठान करें
सभी अपनों को राम राम।
गुजरते साल की सांझ पर अपनों से माफी चाहुंगा। इस बरस निजी साधनाओं की व्यस्तता के कारण आपको अधिक समय न दे सका। जाने अनजाने मुझ से किसी का मन आहत हुआ हो तो अपना समझकर माफ जरूर कर देना, माफ करने वालों का ऋणी रहुंगा।
आज अभी मै जाते बरस हुई गलतियों का विसर्जन करने जा रहा हूँ। आप भी कर दीजिये। इससे उलझनों का सबब बन रही नकारात्मक ऊर्जाएं आपसे दूर चली जाएंगी।
विधान आगे बता रहा हूँ। ध्यान से समझें और अपनाएं।
*गलतियों का विसर्जन…विधान*
रात 11 के बाद और 11.55 से पहले किसी भी समय विसर्जन करें।
एक बाल्टी में 3 से 5 लीटर पानी लें। उसमें 2 मुट्ठी घर मे यूज होने वाला साधारण नमक डाल लें। नमक पानी की इस बाल्टी को सामने रखें। नमक का पानी सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जाओं को अपने भीतर खींच छिन्न भिन्न कर देता है।
इस ऊर्जा अनुष्ठान के लिये पश्चिम मुख होकर बैठें।
*भगवान शिव से आग्रह करें*, कहें- हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं, मुझ शिष्य पर दया करें। आपको साक्षी बनाकर मै बीते साल हुई गलतियों का विसर्जन कर रहा हूँ। नकारात्मकता से मुक्ति के इस उर्जा अनुष्ठान की सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें।
*अपने मन मस्तिष्क से आग्रह करें*, कहें- मेरे दिव्य मन मस्तिष्क, चेतन मन, अवचेतन मन आप मेरा आग्रह स्वीकारें। बीते 12 महीनों में अपने भीतर संचित गलतियां कराने वाली नकारात्मक ऊर्जाओं का विखंडन करके उनका त्याग कर दें। उन्हें मेरी हथेलियों के जरिये सामने रखे नमक पानी के पात्र में फेंक दें।
उसके बाद दोनों हाथियों को नमक पानी वाली बाल्टी के सामने ऐसे करके बैठें जैसे आग तापते हैं।
*फिर नकारात्मक ऊर्जाओं को दृढ़ता पूर्वक निर्देश दें*, कहें- मेरे तन मन मस्तिष्क आभामंडल उर्जा चक्रों में व्याप्त ग्रह नक्षत्रों के दुष्प्रभाव, वास्तु के दुष्प्रभाव, गुस्से के दुष्प्रभाव, बीमारियों के दुष्प्रभाव, आर्थिक अभाव के दुष्प्रभाव, बाधाओं के दुष्प्रभाव सहित जीवन में मुश्किलें पैदा करने वाली सभी नकारात्मक ऊर्जाओं मै आपका विसर्जन कर रहा हूँ। आप सब मेरी हथेलियों से होकर सामने रखी बाल्टी में चली जाए।
इन निर्देशों को कम से कम 10 मिनट दोहराएं। याद न हो पाए तो पढ़कर करें। इससे अधिक समय तक ऊर्जाओं का विर्सजन होता महसूस हो तो हथेलियां हल्की होने तक करते रहें।
हथेलियों में भारीपन, हाथों से धुवें की तरह अदृश्य किरणें निकलने का आभास हो, आसपास अदृश्य शक्तियों का आभास हो, कुछ आकृतियां बनती बगड़ती महसूस हों, कुछ अनजानी आवाजें सुनाई दें या कुछ भी अटपटा महसूस हो तो भी डरें बिल्कुल नही। 11 बजे से 11.55 बजे तक इस अनुष्ठान को झरने वाले सभी साधकों के लिये औरिक सुरक्षा स्थापित रखुंगा। आपका कुछ न बिगड़ेगा।
उर्जा अनुष्ठान पूरा होने के बाद बाल्टी के पानी को लैट्रीन पॉट में फ्लैश कर दें। ध्यान रहे उसका पानी किसी पर गिरने न पाए। इधर उधर छलके भी न।
*आपका जीवन सुखी हो*
*यही हमारी कामना है।*