सौभाग्य के 8 मिनट…1

Sobhagya jagranशानदार जीवन से कोई नही रोक सकता
सभी अपनों को राम राम
इससे कोई फर्क नही पड़ता कि किसी का भाग्य कितने जन्मों से सोया पड़ा है। एनर्जी साइंस का उपयोग करके भाग्य को 8 मिनट में सक्रिय किया जा सकता है।
जिनका भाग्य सक्रिय होता है, उनकी सफलताएं कोई नही रोक सकता। उनके आकर्षण से कोई नही बच सकता। उनके रिश्तों को कोई नही बिगड़ सकता। उनसे दुश्मनी करके कोई नही जीत सकता। उनका लोहा सबको मानना पड़ता है। उनको धनवान बनने से कोई नही रोक सकता। उनके कामों में रुकावट कोई नही पैदा कर सकता। उन्हें मनचाही सिद्धियों तक पहुंचने से कोई नही रोक सकता। खराब समय भी उनका दोस्त बन जाता है। वे अपने ही नही दूसरों के भी जीवन को संवारने में सक्षम होते हैं।
सक्रिय भाग्य को ही सौभाग्य कहा जाता है। इसका लाभ उठाने के लिये 8 मिनट ही काफी हैं। 8 मिनट में सौभाग्य चक्र और कुण्डलिनी का मेल हो जाता है।
सौभाग्य चक्र ब्रह्मांड से भाग्योदय की शक्तिशाली तरंगें आकर्षित करके कुण्डलिनी को देता है। कुण्डलिनी उन्हें जीवन को शानदार बनाने वाली ऊर्जाओं में परिवर्तित कर देती है। उनका उपयोग करके शानदार जीवन के रास्ते खोल देती है।
कुण्डलिनी में दिव्य ऊर्जाओं के भौतिक उपयोग की क्षमता होती है। जिसके द्वारा वह किसी भी उर्जा का उपयोग करके उसे भौतिक उपलब्धियों में बदल देती है।
8 मिनट की प्रक्रिया…
सबसे पहले अपनी कुण्डलिनी को सक्रिय करें। इसके लिये कुण्डलिनी चक्र को उर्जित करके उपचारित करें। दैवीय ऊर्जाओं के उपयोग के लिए उसकी प्रोग्रामिंग करें। कुण्डलिनी को सौभाग्य चक्र अर्थात सहस्रार चक्र से प्राप्त होने जा रही दैवीय ऊर्जाओं को कर्म, सफलता, धन, समृद्धि, सुख, सुरक्षा हेतु उपयोग के लिये तैयार करें।
इस प्रक्रिया में 4 मिनट का समय लगता है।
उसके बाद सौभाग्य चक्र को सक्रिय करें। विनम्रता पूर्वक उसे कुण्डलिनी को दैवीय ऊर्जाएं देने के लिये निर्देशित जड़ें।
इसमें 3 मिनट का समय लगता है।
अंतिम चरण में कुण्डलिनी और सौभाग्य चक्र के बीच ऊर्जाओं के प्रवाह के लिये औरिक लिंक स्थापित कर दें।
इसमें 1 मिनट का समय लगता है।
इस विधान को रोज अपनाएं।
उर्जा विज्ञान के इस विधान ने ऋषिकाल से अब तक अनगिनत लोगों का भाग्य सक्रिय किया है। आपको भी इसका लाभ उठाना चाहिये।
जिन्हें उर्जा चक्रों को सक्रिय करना और उनकी प्रोग्रामिंग करना नही आता वे किसी सक्षम गुरु से इसे सीख लें। बस इतना ध्यान रहे सिखाने वाला उर्जा विज्ञान में पारंगत होना चाहिये। गलत सीख बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। शिवशिष्या एवं ऊर्जा विशेषज्ञ शिवप्रिया जी यह विधान हर महीने के अंतिम रविवार को ऑनलाइन सिखाएंगी। चाहें तो उनसे सीख लें।
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: