ब्रम्हांड से भाग्योदय का संकेत

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*उलझन लगे तो शिवलिंग पर सुपारी चढ़ाएं*

सभी अपनों को राम राम
ब्रम्हांडीय ऊर्जाएं परिवर्तन शील हैं। कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। जिनका लाभ लोगों को एक साल तक मिलेगा। जो लोग अध्यात्म में विश्वास रखते हैं, उनके लिये यह बदलाव उपलब्धियों भरा होना चाहिये। *मान सम्मान प्रतिष्ठा सिद्धि प्रसिद्धि* सबके अवसर आएंगे। धन समृद्धि का भी आकर्षण होगा। मन में उत्साह और उमंग की अनुभूति उत्पन्न होने लग गयी होगी।
नवम्बर के पहले सप्ताह से शुरू हुआ ऊर्जाओं का ये परिवर्तन सामाजिक रूप से भी सकारात्मकता को बढ़ाएगा। विशेष रूप से धर्म अध्यात्म के क्षेत्र में शुभता पूर्ण सूचनाएं मिलती रहेगी। *जैसे रामजन्म भूमि का निर्णय*।
यह सब सुनहरी ऊर्जाओं की तेजस्विता बढ़ने के कारण होगा। यह ऊर्जा दैवीय ऊर्जाओं को प्रबल करती है। लोगों के मन मे जीवन मे उत्साह उमंग का संचार करती है। मनोबल बढ़ाती है। पापवृत्ति को कम करती है।
इसके साथ ही ब्रम्हांड की ऊर्जा में कुछ विपरीत परिवर्तन भी हो रहे हैं। जिसके कारण पीली और लाल ऊर्जाओं का तेज क्षीण हो रहा है। प्राकृतिक रूप से पीली ऊर्जाएं सफलता देती हैं और लाल ऊर्जाएं समद्धि देती हैं। इसके खराब होने से अकारण रुकावटें, उलझनें, धनाभाव की स्थितियां उत्पन्न होती हैं।
जिन्हें इन दिनों बेवजह उलझनें बढ़ती लग रही हों वे तत्काल अपनी एनर्जी उपचारित कर लें।
इसके लिये 2 छोटी सुपारी लेकर शहद में डुबो लें। फिर उन्हें शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऐसा 4 दिन करें। इससे मिलावटी एनर्जी की सफाई होगी।
यदि उसके बाद भी मन मे उत्साह उमंग उत्पन्न होता न दिखे तो औरिक अनुष्ठान का सहारा लें। यदि उससे भी वांछित परिणाम न नजर आएं तो संजीवनी उपचार का सहारा लें।
ध्यान रहे अच्छी ऊर्जाओं का फल हाथ से निकलने न पाए। इसी अवधि में अधिकांश लोगों का भाग्योदय हो जाना चाहिये। बरसों से अटकी कामनाएं पूरी हो जानी चाहिये।
जो लोग ब्रम्हांडीय उर्जा स्नान नियमित रूप से कर रहे हैं, उन्हें कुछ और करने की जरूरत नही हैं।
*सबका जीवन सुखी हो*
*यही हमारी कामना है।*
शिव शरणं!

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