कारोबार में बृद्धि के लिये हिंगलाज गुटिका के पानी का छिड़काव रोज करें
सभी अपनों को राम राम
कुछ साधकों ने करोबार की उन्नति में हिंगलाज गुटिका के प्रयोग का विधान पूछा है.
हिंगलाज गुटिका देवी शक्ति की उर्जाओं से जुड़ी रहती है. इसलिये इसके प्रयोग लोगों के साथ साथ जगहों को भी उर्जित करने में सक्षम होते हैं. संशय मुक्त विश्वास और आस्था के साथ अपनाये जाने पर इसके प्रयोग अचुक होते हैं.
कारोबार में हिंगलाज गुटिका का प्रयोग…
एक बर्तन में पानी ले लें. उसमें दो चम्मच कच्चा दूध मिला लें. हिंगलाज गुटिका उसमें डाल दें.
भगवान शिव से आग्रह करें. कहें- देवों के देव महादेव मेरे गुरूदेव आपको मेरा प्रणाम है. आप मेरे मन मंदिर में विराजमान हों. आपको साक्षी बनाकर मै हिंगलाज गुटिका का उपयोग व्यवसाय में उन्नति के लिये कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु आप मुझे दैवीय कृपा प्रदान करें. आपका धन्यवाद.
महाशक्ति से आग्रह करें. कहें- हे परमेश्वरी भगवान शिव के साथ मेरे मन मंदिर में विराजमान हों. आपको मेरा प्रणाम. अपने गुरूदेव भगवान शिव को साक्षी बनाकर लक्ष्मी सुख हेतु हिंगलाज गुटिका का प्रयोग कर रहा हूं. मेरे लिये उर्जित इस हिंगलाज गुटिका को अपनी शक्तियों से जोड़े रखें. मेरे लिये उन्नति आकर्षण करें. आपको धन्यवाद.
हिंगलाज गुटिका से आग्रह करें. कहें- हे दिव्य हिंगलाज गुटिका आपको मेरा नमन है. आप महाशक्ति की उर्जाओं को धारण करें. मेरी भावनाओं के साथ जुड़ कर मेरे लिये सिद्ध हों. मुझे हर क्षण महाशक्ति की उर्जाओं से जोड़कर रखें. मेरे द्वारा किये जा रहे व्यवसाय उन्नति के प्रयोग को शुद्ध, सिद्ध और सुफल करें. मेरे लिये समृद्धि सुख सुनिश्चित करें. आपका धन्यवाद.
देव आग्रह के बाद पानी में रखी हिंगलाज गुटिका को निकाल लें. बर्तन के पानी का व्यवसाय स्थल पर छिड़काव करें. एेसा रोज करें. यदि कारोबार की वजह से कर्ज हुआ है तो जल छिड़काव से पहले कारोबार स्थल पर भोजन लाकर रखें. बाद में उसे किसी जरूरतमंद को दे दें.
जल छिड़काव के समय ऊं. ह्रीं. नमः मंत्र का जप करते रहें.