
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुख समृद्धि और विद्या प्राप्ति हेतु एकादश रुद्राभिषेक
सभी को राम राम
रुद्राभिषेकः एक ऐसा दैवीय अनुष्ठान, जिससे देवी देवता भी अपनी बिगड़ी बना लेते हैं. एनर्जी गुरु डा. राकेश आचार्या जी ने अपनी लम्बी रिसर्च में पाया कि रुद्राभिषेक के दौरान जन्मों जन्मों से चली आ रही दुख देने वाली प्रारब्ध की नकारात्मक उर्जायें भी हट जाती हैं. आभामंडल के साथ ही उर्जा चक्र भी साफ होकर उपचारित हो जाते हैं. सभी जानते हैं आभामंडल और उर्जा चक्रों के उपचारित होते रुकावटें हटने लगती हैं.
16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का शुभ अवसर है. गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 15-16 जुलाई को इस बार एकादश रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है. एकादश रुद्राभिषेक में क्रम से एक-एक करके 11 रुद्राभिषेक किए जाते हैं. गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सभी साधकों के लिए एकादश रुद्राभिषेक में जल, मीठा जल, दूध, शहद, कुषादय, घी, अलग अलग द्रव्यों से शिवलिंग पर विधिवत रुद्राभिषेक किए जाएंगे.
एकादश रुद्राभिषेक से मन शांति प्राप्त होती है, शरीर की बीमारियों से मुक्ति मिलती है, कामकाज की रुकावटें हटती है, शत्रु पराजित होते हैं, व्यक्तित्व में आकर्षण व्याप्त होता है, व्यापार और रोजगार में उन्नति मिलती है, अष्ट दरिद्रता का नाश होता है और अष्ट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, समृद्धि सुख प्राप्त होता है, दीर्घायु प्राप्त होती है.
एकादश रुद्राभिषेक से शिव सिद्धियां प्राप्त होती है जिससे आध्यात्मिक उन्नति की राह सरल हो जाती है.
एकादश रुद्राभिषेक में शामिल होने के लिए
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गुरु दक्षिणा 5100
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं