अप्सरा साधना- 2019…(1)
व्यक्तित्व में निखार, आकर्षण, सौंदर्य, सम्मोहन, यौवन, समृद्धि के लिये अप्सरा साधना
सभी अपनों को राम राम
अप्सरा साधना का मुहूर्त नजदीक है. 31 मार्च 2019 से विधान प्रारम्भ होगा.
इस बीच कई साधकों ने अप्सरा साधना के लाभ जानने की इच्छा जताई है. आज मै आपको अप्सरा के मुख्य लाभ की जानकारी दे रहा हूं. अप्सरा साधना सघन साधनाओं में से एक है. इसमें सफलता के लिये साधक के अनाहत चक्र का जाग्रत होना अनिवार्य है. जिसके लिये कुछ समय मैने साधकों पर शक्तिपात किया था. साधक लाभ जान लें. फिर जो लोग इस साधना को घर बैठे करन चाहें वे फेसबुक के शिव साधक ग्रुप (लिंक- https://www.facebook.com/groups/shivsadhak/ ) को ज्वाइन करें. साधना के दिशा निर्देश और विधान वहीं उपलब्ध कराये जाएंगे,
जो लोग शादी शुदा हैं वे अपने जीवन साथी से इस साधना की अनुमति अनिवार्य रूप से ले लें. इसे महिला, पुरुष सभी तरह के साधक कर सकते हैं. अप्सराओं की साधना अनेक रूपों में की जाती है, जैसे माँ, बहन, पुत्री, पत्नी अथवा प्रेमिका के रूप में इनकी साधना की जाती है, साधक जिस रूप में इनको साधता है ये उसी प्रकार का व्यवहार व परिणाम भी साधक को प्रदान करती हैं.
अप्सरा साधना से होने वाले मुख्य लाभ….
अप्सराएं सौन्दर्य, यौवन, प्रेम, अभिनय, रस व रंग का ही प्रतिरूप होती हैं, अतः इनका प्रभाव जहाँ भी होता है वहां पर सौन्दर्य, यौवन, प्रेम, अभिनय, रस व रंग ही व्याप्त होता है.
1:- अत्यंत आकर्षक व चुम्बकीय व्यक्तित्व के लिये.
2:- अनुकूल सुंदर जीवन साथी प्राप्त होने की स्थितियां उत्पन्न करने के लिये. शानदार वैवाहिक सुखों के लिये.
3:- वैवाहिक, पारिवारिक व सामाजिक जीवन में प्रेम सौहार्द अपनापन और प्रभावशाली स्थितियों के लिये.
4:- जो व्यक्ति फिल्म इंडस्ट्री, टी.वी. कलाकार या कला के किसी भी क्षेत्र में मनोवांक्षित सफलता अर्जित करना चाहते हैं. उन्हें अप्सरा साधना जरूर करनी चाहिये. दरअसल अप्सरा और गंधर्व होते ही कला के लिये हैं. उनके सानिग्ध से कला, समृद्धि और सोहरत की बुलंदियों पर पहुंचना सुनिश्चित हो जाता है.
5:- उत्तम और पूर्ण यौवन से युक्त बने रहने के लिये. अप्सरा सिद्धी से यौवन व व्यक्तित्व में निरंतर निखर आता है.
6:- इसके प्रभाव से साधक/साधिका के रूप सौन्दर्य में बड़ा ही प्रभावकारी निखर आता है.
7:- इसके प्रभाव से कार्य क्षेत्र में लोगों पर चुम्बकीय असर दिखता है. साधक/ साधिका के अधिकारी व सहकर्मी उनके साथ मित्रवत हो जाते हैं तथा जाॆब चले जाने का भय भी समाप्त होता है.
8:- इसके प्रभाव से साधक/ साधिका की वाणी चुम्बकीय हो जाती है. उसे किये कार्य का क्रेडिट मिलने लगता है. लोग सम्मोहित होकर उनकी बातों को सुनते व मानते हैं.
9:- इसके प्रभाव से साधक / साधिका के भीतर प्राकृतिक रुप से कामतत्व प्रबल होता है. जो साधक कामतत्व की कमजोरी से आहत हों उन्हें इसका अवश्य लाभ उठाना चाहिये.
जो लोग साधना करना चाहा रहे है वे इसी पोस्ट के कमेंट में अपनी लेटेस्ट फोटो और अपनी डिटेल्स भेजे।
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क्रमशः
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं.