सभी को राम राम
आज साधकों के आभामण्डल की 18 वीं से 27 वीं परत तक व्याप्त काल दोष व तिथि दोष की ऊर्जाओं का निष्कासन करके उनकी जगह सौभाग्यकारक ऊर्जाओं का स्थिरीकरण किया गया। साथ ही गुरुजी ने साधकों के आभामण्डल में अप्सरा सिद्धि की ऊर्जाओं को स्थापित किया।
तिथि त्योहार में गुस्से, तनाव, आलोचनाओं के कारण उपरोक्त दोष उत्पन्न होते हैं। जिसका दुष्प्रभाव दुर्भाग्यकारी होता है। ये ऊर्जाएं उम्र भर लोगों को समस्याओं, बीमारियों, परेशानियों के रूप में सताती रहती हैं।
दिल्ली आश्रम में साधक होली के अनिष्ट की ऊर्जाओं के शोधन हेतु मृत्युंजय साधना करने आये।
साधकों ने संकल्प लिया कि भविष्य में सभी त्योहारों को उल्लास पूर्वक मनाकर प्रकृति की सकारात्मकता को धारण करेंगे। खुद भी खुश रहेंगे दूसरों को भी खुश रखेंगे।
आभामण्डल, ऊर्जा चक्रों और कुंडलिनी के शोधन के बाद गुरुजी ने साधकों की ऊर्जा में अप्सरा सिद्धि साधना की ऊर्जाएं स्थापित कीं।
31 मार्च 19 से अप्सरा सिद्धि साधना आरम्भ होगी। जिसे इच्छुक साधक अपने घर से ही सम्पन्न करेंगे।
गुरुजी जल्दी ही अप्सरा साधना के नियम व विधान बताएंगे।
जो साधक अप्सरा साधना करने के इच्छुक हैं वे facebook का shiv sadhak ग्रुप तुरन्त जॉइन करें।
साधना उसी ग्रुप में कराई जाएगी।
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सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं