सभी को राम राम
मृत्युंजय योग शक्तिपात संपूर्ण हो चुका है. शक्तिपात के बाद गुरुजी ने प्रथम चरण में ग्रहस्थ संतो को अप्सरा सिद्धि कराने का निर्णय लिया है.
ऋषिकाल से साधक अप्सराओं को सिद्ध करके अपने जीवन में शामिल करते आये हैं. उन्हें साक्षात् देव मित्र बनाते आयें हैं. कुछ साधक उन्हें प्रेमिका, पत्नी के रूप में सिद्ध करते हैं. महिला साधक उन्हें सहेली बना लेती हैं.
अप्सरा किसी भी रूप में सिद्ध की जाये, जीवन में उसकी उपस्थिति साधक को समृद्धिशाली बना ही देती है. साथ ही साधक का जीवन उत्साह, उमंग से भर जाता है. सदैव प्रशन्नता और उत्सव का अहसास बना रहता है. साधक का जीवन सुख, समृद्धि, वैभव और यौवन से भरा हुआ होता है. कुछ उपलब्धियां एेसी हैं जिन्हें सार्वजनिक रूप से नही लिखा जा सकता.
साधक का रूप रंग कैसा है. जाति धर्म क्या है. उम्र क्या है. इसका अप्सरा सिद्धि से कोई लेना देना नही.
अप्सरा साधना के लिए अनाहत चक्र को जागृत होना जरूरी है अप्सरा सिद्धि में अनाहत चक्र का महत्वपूर्ण कार्य है, इसलिए इसका शत प्रतिशत कार्य करना आवश्यक है.
गुरु पूर्णिमा पर इस वर्ष ऋषिकेश में गुरु जी ने चंद्र ग्रहण के दौरान समृद्धि साधना में शामिल हुए साधको की कुंडलिनी को जागृत किया था और साधकों के अनाहत चक्र को विशेष रूप से उर्जित करके जागृत किया था. समृद्धि साधना के दौरान गृहस्थ संतों का चयन हुआ था. वे सभी ग्रहस्थ संत कर बैठे अप्सरा साधना में शामिल हो सकते हैं.
ऋषिकेश साधना में शामिल हुए बाकी साधक भी अप्सरा साधना में शामिल हो सकते हैं इसके लिए वह अरुण जी से गृहस्थ संत ग्रुप में जुड़ने की रिक्वेस्ट करें. गुरुजी अप्सरा साधना उन्हीं साधकों को करायेगे जो गृहस्थ संत ग्रुप में होंगे.
जो साधक अप्सरा साधना में शामिल होना चाहते है वह अपना लेटेस्ट फोटो गृहस्थ संत ग्रुप में भेजें. अप्सरा साधना गुरु जी अगले हफ्ते से शुरू कर करायेगे. साधना की अवधि रात्रि में 3 घंटे की होगी.
हेल्पलाइन: 9999945010
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं