16 और 17 फरवरी मुंबई आश्रम
सभी को राम राम
शिव गुरु से अपने सवालों के जवाब लेने, उनसे बात करने, उनसे देवदूतों की मांग करने सहित कुछ खास उद्देश्य के लिए शिव ज्ञान जागरण साधना अनिवार्य होती है, जो कि बहुत ही सरल और सबके करने योग्य होती है. इस साधना में मूलाधार चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्धि चक्र और त्रिनेत्र चक्र सक्रिय हो जाते हैं. मूलाधार चक्र आत्मबल और समृद्धि का केंद्र है. यह भगवान गणेश की शक्तियों से जुड़ा है. *शिव जैसे महान गुरु की राह पर चलने के लिए बड़े आत्मबल की जरूरत होती है.* इससे निर्विघ्नता प्राप्त होती है. साथ ही आर्थिक निश्चिंता से जीवन को आसान बना देती है. शिव शिष्य अपने मूलाधार चक्र को जरूर जागृत रखें ताकि अपनी समस्याओं के लिए उन्हें किसी के सामने गिड़गिड़ाना न पड़े.
अनाहत चक्र खुशियों का केंद्र है. यह भगवान शिव की शक्तियों से जुड़ा है यह साधक को मन की गति से शिव गुरु से साथ कनेक्ट करने में सक्षम होता है मन की गति से शिव गुरु तक बात पहुंचाता है. उसी गति से उनके जवाब लाकर देता है. शिव गुरु से उच्च संपर्क के लिए इसका जागृत होना जरूरी है. अनाहत चक्र की सक्रियता व्यक्ति के मन और जीवन में स्थापित करती है.
विशुद्धि चक्र उच्च सर्जन का केंद्र है. यहां आत्म शक्तियां होती है. आध्यात्मिक ऊंचाइयां छूने के लिए इसकी सक्रियता अनिवार्य है. साथ ही है साधक के व्यक्तित्व में निखार और सम्मान की शक्तियां स्थापित करता है.
त्रिनेत्र चक्र ब्रह्मांडीय रहस्यो का केंद्र है. शिव शिष्य की अतीन्द्रीय शक्तियां उच्च स्तर की होनी चाहिए. *शिव गुरु का ज्ञान सर्वोत्तम है.* उसे धारण करने के लिए त्रिनेत्र की सक्रियता अनिवार्य है.
शिव ज्ञान जागरण साधना से इन सभी ऊर्जा चक्रों को सक्रिय किया जा सकता है.
16 और 17 फरवरी को गुरूजी मुम्बई आश्रम में शिव ज्ञान जागरण साधना करा रहे है. साधना में सामिल होने के लिए आप अपना रजिस्ट्रेशन करा लें.
साधना के लिए शिव ज्ञान रुद्राक्ष अनिवार्य है.
Helpline:- 9999945010, 76662 61111
Address:- RH 11, SEC 4, Jimmy Tower, Near NMSC, VASHI, Navi Mumbai – 400703
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं