सभी अपनों को राम राम
आने वाला साल कामयाबी का साल बने इसके लिये कल 31 दिसम्बर की रात आपको बीते बरस के सभी गिले सिकवे दफन कर देने हैं. इसके लिये रात 8 बजे के बाद *एक मुट्ठी लौंग, एक मुट्ठी पीली सरसों* ले जाकर किसी चौराहे पर फेंक दें.
इससे साल भर साथ लगी रही दुश्मनों की नुकसान दायी उर्जायें चौहारे पर दफन हो जाएंगी.
नये साल का सूरज आपकी खुशियों की सौगात गाएगा.
क्रोध और तंत्र से बचने के लिये मणिपुर चक्र नियमित लाक करें
ब्रह्मांडीय उर्जाओं में बदलाव हुआ है. जिसके परिणाम स्वरूप कुछ लोगों को बेवजह बेचैनी और तनाव का सामना करना पड़ सकता है. गुस्सा स्वयं पर से नियंत्रण खत्म करेगा. कुछ लोग हड़बड़ी में एेसे कदम उठा लेंगे जिनका दुष्परिमाम देर तक भुगतना पड़ेगा.
कई लोग इस बीच लगातार तंत्र के शिकार होंगे. क्योंकि ब्रह्मांडीय बदलाव के कारण उनके आभामंडल में लाल और सुनहरी उर्जायें असंतुलित होंगी. नीली उर्जायें स्मोकी होकर तंत्र की उर्जाओं को आकर्षित करती हैं. इसी कारण खतरा उत्पन्न है.
इन स्थितियों से बचने के लिये सभी साधक पूर्व में मेरे द्वारा बताई विधि अपनाकर प्रतिदिन अपने मणिपुर चक्र को लाक करें. सुबह उठते ही सबसे पहले यही काम करें. उसके बाद पंचदेवों की सुरक्षा की मांग करें.
खुश रहिये, मुस्कराते रहिये.
*शिव शरणं*