भाग्योदय के लिये हथेलियों के चक्रों को जाग्रत करें
गीले या गंदे पैर लेकर कभी न सोयें
सभी अपनों को राम राम
कई बार लोग गीले पैर बिस्तर पर चढ़ जाते हैं. या गंदे पैर लेकर सोने लगते हैं. या कुछ लोग पैरों में तेल लगाकर सोने के लिये बिस्तर पर चले जाते हैं. कुछ लोग बिस्तर पर बैठकर खाते हैं और बिना हाथ धोये सोने लगते हैं.
ये गलत है. एेसा कभी न करें.
इससे आत्मबल कम होता है, प्रतिष्ठा घटती है. जीवन की योजनायें अटक जाती हैं. बेवजह अपयश लगने का खतरा रहता है. साथ ही आभामंडल में बीमारियों की उर्जा उत्पन्न होती है.
पैरों और हाथों में जीवन के आधार मूलाधार चक्र के सहयोगी चक्र होते हैं. जो वातावरण से लाल उर्जा को ग्रहण करके पूरे शरीर में संचरित करते हैं. जिससे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है. आत्मबल बढ़ता है. धन के रास्ते प्रशस्त होते हैं. लोगों के बीच सम्मान बढ़ता है. उर्जा विद्वान तो यहां तक मानते हैं कि हाथों पैरों के चक्रों में किस्मत बदलने की क्षमता होती है. हाथों की रेखायें देखकर भाग्य का पता लगाया जाता है. ये रेखायें हाथों में मौजूद मूलाधार चक्र के सहयोगी उपचक्रों के ऊपर स्थित होती हैं. दोनों हाथों और पैरों में दो-दो उपचक्र होते हैं.
सोते समय हाथ पैर विश्राम करते हैं. एेसे में उनके चक्रों पर काम का भार शून्य रहता है. इस कारण वे पूरी क्षमता के साथ वातावरण से जीवनदायाी उर्जायें ग्रहण कर पाते हैं. उन्हें न सिर्फ सूक्ष्म शरीर और स्थुल शरीर को देते हैं बल्कि मूलाधार चक्र को भी उपचारित करते हैं.
सोते समय यदि पैर या हाथ गंदे हों तो उनके द्वारा ग्रहण की जाने वाली जीवनदायी उर्जायें प्रदूषित हो जाती हैं. यदि हाथ पैर गीले हों तो इन उर्जाओं में मिलावट उत्पन्न होती है. यदि हाथ या पैरों में तेल लगा हो तो उनकी ग्रहण शीलता बहुत कम हो जाती है. रात में सोते समय हाथ पैर साफ करके सोयें. इससे न सिर्फ अच्छी नींद आएगी बल्कि नकारात्मकता हटेगी.
सोने से पहले और सुबह सोकर उठते ही दोनों हथेलियों को 2 मिनट देखें और कहें- मेरे हाथों में स्थित दिव्य उर्जा चक्रों आप ब्रह्मांड की शक्तिशाली जीवन शक्ति को ग्रहण करके मेरे सूक्ष्म शरीर में स्थापित करें और मेरा भाग्योदय करें. आपका धन्यवाद.
एेसा करने से हथेलियों के चक्र जाग्रत हो जाते हैं. कर्म क्षेत्र में व्यापक बदलाव नजर आते हैं. जो भाग्योदय तक पहुंचाते हैं. सामाजिक जीवन सम्मानजनक हो जाता है.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं