राम राम
*आज दिल्ली आश्रम में जागृत कुंडली से काम लेना सिखाया गया.*
कुंडली विशाल शक्ति का भंडार है. ये किसी भी व्यक्ति को बिना दैवीय सहायता लिये देवताओं की तरह सक्षम बना देने वाली शक्ति है. चक्रों की उर्जा के साथ मिलकर ये चमत्कार पैदा करती है.मूल रूप से कुंडली शक्ति पंचतत्वों की उर्जाओं को अपनी शक्ति के रूप में इश्तेमाल करती है.
आज दिल्ली आश्रम में गुरूजी ने साधकों को जागृत कुंडली से काम लेना सिखाया. *जागृत कुंडली से काम लेना अनिवार्य होता है.* जिन साधकों की कुंडली जागृत थी उन्हीं को सामिल किया गया. गुरूजी ने देवत्व रुद्राक्ष को माध्यम बना कर जागृत कुंडली से काम लेना सिखाया. एेसा पहली बार हुआ है जब साधकों को एक साथ कुंडली का उपयोग सिखाया गया. इसके लिए आज सामिल हुए साधकों को रोजाना 10 मिनट का अभ्यास करना होगा.जो अपनी कुंडली का उपयोग नियमित करते रहे वे 6 माह के भीतर दूसरों की अपेक्षा बहुत आगे दिखाई पड़ेंगे.
आज कुंडली को मूलाधार में जाकर उसकी शक्तियों का उपयोग करने की प्रोग्रामिंग कराई गई. जिससे *साधक के जीवन में मान-सम्मान-प्रतिष्ठा-आत्मबल और समृद्धि स्थापित हो सके. वे अपने साथ सैकड़ों अन्य की भी तम-मन-धन से सेवा और सहायता करने लायक सक्षम बन सकें*. मूलाधार चक्र जीवन और जीविका दोनों का केंद्र है. जब कुंडली मूलाधार चक्र का भेदन करती है, तब इसे पृथ्वी तत्व की शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं. जिसकी कुंडली मूलाधार का भेदन करती है उसके जीवन में पृथ्वी तत्व से जुड़ी उपलब्धियां समृद्धि, साहस, आत्मबल आदि स्वतः ही प्राप्त हो जाती है.
सामिल हुए सभी साधकों को हार्दिक शुभकामनाएं.
आप सभी का जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
टीम मृत्युंजय योग….