शक्ति जागरण रुद्राक्ष से करें नवरात सिद्धी

 

1 व 2 को मुम्बई आश्रम में गुरु जी
के साथ करें शक्ति जागरण साधना

साधक 29 से शक्ति जागरण साधना कर चुके हैं।
गुरु जी ने आज दिल्ली आश्रम में साधकों को शक्ति जागरण साधना कराई। 
उनकी उर्जा को राज शक्ति प्राप्ति मंत्र के साथ जोड़कर शक्ति जागरण रुद्राक्ष से अनाहत चक्र व कुंडली चक्र की उर्जाओं का संयोग कराई।
गुरु जी 1 अप्रैल को मुम्बई आश्रम पहुंचेंगे. उसी दिन वहां के साधकों को अपने साथ शक्ति जागरण साधना कराएंगे. उसके बाद 2 अप्रैल को भी मुम्बई आश्रम में साधक गुरु जी के साथ शक्ति जागरण साधना कर सकेगे.
मुम्बई आश्रम में साधना के लिये आने वाले साधक भी 29 तो अपनी साधना आरम्भ कर दें. वहां जिसके पास शक्ति जागरण रुद्राक्ष नही पहुंचा है, वे मुम्बई आश्रम से अपना रुद्राक्ष प्राप्त करके साधना आरम्भ करें. फिर 1 व 2 को गुरु जी के साथ साधना करें.

शक्ति जागरण साधना का विधान….

मंत्र. ऊं. क्लीं क्लीं नमः
राज शक्ति प्राप्त करने के लिये शक्ति जागरण रुद्राक्ष को गले में धारण करके उत्तर मुख होकर इस मंत्र का लगातार 40 मिनट जाप करें. वैसे तो इस साधना को किसी भी अच्छे मुहूर्त में कर सकते हैं. मगर नवरातों में इसका विशेष महत्व है.
संकल्प- हे देवाधिदेव महादेव आपको प्रणाम है. आपको साक्षी बनाकर राज प्राप्ति देवी साधना कर रहा/रही हूं. इसकी सफलता हेतु दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रादान करें. आपका धन्यवाद.

स्व शक्ति स्थापन- मेरे तन-मन-मस्तिष्क-आभामंडल-उर्जा चक्रों-कुंडलिनी आप सब ब्रह्मांड से दैवीय शक्तियों को ग्रहण करके स्वच्छ हों, स्वस्थ हों और मेरे भीतर देवी शक्तियों की स्थापना करके मुझे सिद्ध बनायें.

देवी प्रार्थना- हे जगत जननी मां आपको प्रणाम है. भगवान शिव को साक्षी बनाकर मै राज प्राप्ति देवी साधना कर रहा/रही हूं. इसे स्वीकार करें और साकार करें. आपका धन्यवाद.

मंत्र प्रार्थना- हे दिव्य मंत्र ऊं क्लीं क्लीं नमः आप मेरे तम-मन–मस्तिष्क- आभामंडल- उर्जा चक्रों और कुंडली में ब्याप्त हो जायें. अपने बीज मंत्रों को मेरे रोम रोम में स्थापित करें. मेरी भावनाओं से जुड़कर मेरे लिये सिद्ध हो जायें और मुझे देवी सिद्धी प्रदान करें. आपका धन्यवाद.

साधना के नियम-
1. सरसों के तेल का दीपक जलायें
2. मंत्र का 40 मिनट आंखें बंद करके मन में जाप करें
3. मंत्र जाप के समय सोयें नही
4. उत्तर मुख होकर साधना करें
5. लाल आसन का उपयोग करें
6. आसन के नीचे तुलसी की जड़ रख लें.
7. साधना के समय पास में मोबाइल न रखें.
8. साधना के बाद भोजन दान करें

शक्ति जागरण रुद्राक्ष देवी साधना के दौरान अनाहत शक्ति और कुंडली शक्ति की उर्जाओं को आपस में कनेक्ट कर देता है
जिससे साधना करने वालों के भीतर देवी शक्ति जाग जाती है.
उनकी पर्सनालिटी में अट्रेक्शन बढ़ता है.
Love, Money, Career की सफलता और मान-सम्मान प्रतिष्ठा खिंचे चले आते हैं.

आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.

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