15 सितम्बर 2016
अबकी पितृ ऋण बचने न पाये, मोक्ष सुनिश्चत हो
अनुष्ठान सिर्फ इस ग्रुप से जुड़े लोगके लिये ही है. अन्य लोग अपनी डिटेल न भेजें.
राम राम, मै अरुण.
अबकी ग्रुप में किसी के भी पितृ भटकने के लिये छुटने न पायें. किसी पर पितृ ऋण बचने न पाये. कोई कालसर्प, मंगल दोष, कुंडली के ऋणों से घिरा न रहने पाये. गुरु जी ने ये संकल्प लिया है. इसके लिये कल से वे पितृ ऋण मोचन साधना शुरू कर रहे हैं. जिसमें ज्ञात अज्ञात पितृों को मोक्ष के लिये जरूरी उर्जायें प्रदान की जाएंगी. इसके लिये मृत्युंजय योग की आचार्य टीम और संजीवनी अनुसंधान टीम के काम आज बांट दिये गये.
गुरु जी ने तैयारी की है कि पितृ अनुष्ठान की उर्जायें सभी पितृों तक पहुंचे और वे संतृप्त होकर मोक्ष को प्राप्त करें. इसके लिये हमारी सूची में शामिल साधकों के पितृों को सीधे मोक्ष उर्जा संप्रेषित की जाएगी. जिससे वे संस्कार अनुष्ठान की उर्जायें सरलता से ग्रहण कर सकें.
वैसे तो पितृ पक्ष 17 से आरम्भ होगा. मगर पूर्णिमा का श्राद्ध कल ही होगा. इसलिये गुरु जी कल से ही पितृ ऋण मोचन साधना शुरू करेंगे. जो साधक चाहते हैं कि उनके पितृों के मोक्ष का औरिक और शास्त्रीय अनुष्ठान हमारे संस्थान से किया जाये. वे तत्काल अपनी डिटेल भेजें.
डिटेल निम्न तरह होगी.
1. आपका नाम.
2. पिता का नाम.
3. गोत्र का नाम.
4. माता पिता, सौतेली मां, सौतेले पिता, नाना, नानी, परनाना, परनानी, दादा, दादी, परदादा, परदादी, मामा, मामी, मौसी, बुआ, भाई, बहन, सौतेले भाई-बहन, पत्नी, पति, पुत्र, पुत्री, सौतेले पुत्र-पुत्री, चाचा, चाची, चचेरे-फुफेरे-ममेरे भाई बहन, सास, ससुर, साली, साले, दोस्त, प्रेमी, प्रेमिका। इनमें से जिनकी मृत्यु हो गई है, उनके नाम भेजें.
विशेष ध्यान रहे जो जिंदा हैं उनके नाम बिल्कुल न भेजें.
यदि किसी को गर्भपात हुआ है तो उनके माता या पिता गर्भपात की अवधि भेजें.
अक्सर इन रिश्तों से ही पितृ ऋण उत्पन्न होता है. जो कुंडली में विभिन्न रूपों में दिखता है. उसके दुष्प्रभाव से डी.एन.ए. की उर्जायें कमजोर हो जाती हैं. तब प्रभावित व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव बहुत अधिक होता है. बार बार सुख भंग होते रहते हैं. दूसरों की अपेक्षा वे अपने जीवन में बार बार पिछड़ते नजर आते हैं.
पितृ ऋण मोचन अनुष्ठान के द्वारा गुरु जी इन रिश्तों की भटक रही उर्जाओं को अतिरिक्त उर्जायें प्रदान करने का अनुसंधान करा रहे हैं. जिसे प्राप्त करके भटक रही पराउर्जायें संतुष्ट होंगी और मोक्ष तक पहुंच सकेंगी. इन उर्जाओं के संतुष्ट होते ही डी.एन.ए. की उर्जायें स्ट्रांग हो जाती हैं. और कुंडली में दिखने वाले कालसर्प योग, मंगलदोष सहित अन्य सभी प्रकार के ऋण (विकार) प्रभावहीन हो जाते हैं. प्रगति की राह खुल जाती है. सुख बढ़ते चले जाते हैं.
कुछ लोगों ने पितृ ऋण मोचन अनुसंधान का खर्च पूछा है. वैसे तो इस साधना-अनुष्ठान में हर व्यक्ति पर हर रोज सामग्री आदि पर लगभग 100 रुपये का खर्च आता है. अनुष्ठान पूरे 15 दिन चलेगा. क्योंकि अधिकांश मामलों में पता ही नही रहता कि किस किस पूर्वज ने किस किस तिथि में शरीर छोड़ा. इस तरह एक व्यक्ति के अनुष्ठान पर 1500 का खर्च अनुमानित है.
मगर गुरु जी का कहना है जो लोग गरीब हैं और ये खर्च नही दे सकते हैं. उनके पितृों को भी मोक्ष का अधिकार है. इसलिये उनका खर्च गुरु जी खुद उठाएंगे और उनका भी अनुष्ठान किये जाने का निर्देश दिया है. जो लोग अधिक सक्षम हैं वे अधिक खर्च देकर गुरु जी पर आने वाले इस भार को बंटा सकते हैं.
सभी साधक पितृ ऋण मोचन के लिये 9999945010 या 9810755370 पर तत्काल अपनी जानकारी whatsapp करें.
जो लोग अपने पितृों के ऋण मोचन का खर्च उठा पाने में सक्षम में वे दिये गये अकाउंट में डिपाजिट कराकर उसकी जानकारी भी whatsapp करें. जिनको ईश्वर ने अधिक सक्षम बनाया है वे दूसरे गरीब साथियों के पितृ मोक्ष का खर्च उठा सकते हैं. उसके लिये भी इसी अकाउंट में डिपाजिट करके डिपाजिट की डिटेल बता दें.
Account name- MRITYUNJAY YOG FOUNDATION
1. SBI Account
NO.- 35915911198
FISC code – SBIN0009019
2. PNB Account
NO- 4140001100000287
FISC code- PUNB0414000