अब प्रारब्ध उपचार साधना में आप भी घर बैठे शामिल हो सकेंगे

4 सितम्बर 16
अब प्रारब्ध उपचार साधना में आप भी घर बैठे शामिल हो सकेंगे
गुरु जी ने समस्या समाधान के लिये अपने तप बल का उपयोग शुरू किया

राम राम, मै अरुण
हिमालय साधना से लौटकर गुरु जी ने प्रारब्ध उपचार साधना शुरू कर दी है. जिसमें लोगों के प्रारब्धों को उपचारित किया जा रहा है. हम सभी जानते हैं कि पूर्व के कर्मों के कारण भी हमारी उर्जायें बनती बिगड़ती हैं. इसी के कारण कई बार समस्यायें हटाये नहीं हटतीं. कई बार पूजा पाठ फलित नही होता. कई बार उपाय फलित नही होते. प्रारब्ध बिगड़ें हों तो साधनायें फल नही देंती. सही कहें तो प्रारब्ध जीवन को अपने मुताबिक नचाते रहते हैं.
कुछ लोग अपने प्रारब्ध जानने के फेर में भटकते रहते हैं. गुरु जी कहते हैं कि प्रारब्ध को जानने की बजाय उसे उपचारित किया जाना अधिक जरूरी होता है. वे बताते हैं कि प्रारब्ध हमारे पिछले कर्मों की उर्जाओं का संग्रह होते हैं. वे उर्जायें सकारात्मक व नकारात्मक दोनो तरह की होती हैं. जिस समय जो ज्यादा होती हैं उनके मुताबिक जीवन मुड़ रहा होता है. अगर इन पिछली उर्जाओं की सकारात्मकता बढ़ा ली जाये. तो सब अच्छा ही होता जाएगा. इसी को प्रारब्ध उपचार कहते हैं.
प्रारब्ध उपचार के लिये बहुत अधिक मात्रा में सकारात्मक उर्जाओं की जरूरत होती है. उन्हें विस्तारित करके पुरानी उर्जाओं में मिला दिया जाता है. जिससे जीवन की घटनायें बदल जाती हैं
गुरु जी प्रारब्ध उपचार साधना में यही कर रहें हैं. वे महासाधना के दौरान साधकों के प्रारब्ध उपचारित कर रहे हैं. साथ ही इन दिनों उनके पास जो लोग समस्यायें लेकर आते हैं, उनके भी प्रारब्ध उपचारित कर रहे हैं. इसके लिये वे अपने तप बल का उपयोग करते हैं. आज दिल्ली आश्रम में आये साधकों के प्रारब्ध इसी तरह से उपचारित किये गये. जल्दी ही साधक इसके सकारात्मक पिरणाम पाएंगे.
10 व 11 सितम्बर को गुरु जी मुम्बई आश्रम में आने वाले साधकों के सुखों के लिये भी अपने तप बल का उपयोग करेंगे.
जो लोग नये कुंडली जागरण रुद्राक्ष के साथ महासाधना कर रहे हैं. वे घर बैठे ही प्रारब्ध उपचार साधना में शामिल हो रहे हैं. क्योंकि अब जो कुंडली जागरण रुद्राक्ष दिये जा रहे हैं. उन्हें कुंडली जागरण के साथ ही प्रारब्ध उपचार के लिये भी सिद्ध किया जा रहा है.

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