समस्या आपकी समाधान गुरु जी के… 25 अगस्त 16
नकारात्मक विचारों से बच लिया जाये
तो जीवन में सुखों की कमी नही रहती.
…… और
अनाहत चक्र को भी उपचारित करें तो
चेहरे से मुस्कान कभी नही हट सकती.
राम राम, मै शिवप्रिया.
आप सभी को जन्मा अष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें.
गुरु जी हिमालय साधना करके वापस आ चुके हैं. इस बीच काफी सदस्यों ने अपनी समस्यायें भेजी हैं. मैने आज ही उनसे कुछ समस्याओं के समाधान लिये. यहां आपके लिये लिख रही हूं. जिन लोगो की समस्यायें किसी से मिलती जुलती हैं. वे भी उनके समाधान अपना सकते हैं.
1. Akriti Verma
19 August at 15:05
Plzzz hame btaya jaye ki negative thinking ko mann se hatane k lie Electric violet urja ko apne upar PYRAMID akar me kaise use kia jaye .??? taki fir kabhi kisi bhi tarah ki negativ soch na a sake ..energy report me nahi h iski vidhi ..plzzz aap iski technique ko post kar dia jaye taki baki sab bhi is vidhi ko use kr sake ****!!!!!!! Plzzz
गुरु जी का समाधान…
नकारात्मक विचारों से बच लिया जाये तो जीवन में सुखों की कमी नही रहती. आपका सवाल कई लोगों को लाभ देकर जाएगा. आपने इलेक्ट्रिक वायलेट एनर्जी का पिरामिड लेकर नकारात्मक सोच से बचने की विधि जाननी चाही है. मगर एेसा सम्भव नही. पिरामिड आभामंडल को सुरक्षित करेगा न कि चक्रों को.
नकारात्मक सोच सिरके पीछे स्थित पश्च सिरो चक्र में पैदा होती हैं. इससे बचने के लिये इस चक्र को हरी और बैगनी उर्जा से साफ करें. इसी से उर्जित करें. साथ ही मणिपुर चक्र इलेक्टट्रिक वायलेट से साफ करें. उसे लाइट ब्लू उर्जा स संतुलित करें. ताकि नकारात्मक भावनायें नियंत्रित हो जायें.
अक्सर देखा जाता है कि नकारात्मक भावनाओं के कारण ही नकारात्मक सच उत्पन्न होती है. इसलिये भावनाओं के केंद्र मणिपुर का संतुलित रहना जरूरी है. इससे गुस्सा और तनाव भी कंट्रोल होगा.
नकारात्मक सोच का एक और कारण होता है. वह है पुरानी बातें. जो बार बार मन में उठ जाती हैं. कई बार तो न चाहते हुए भी पुरानी बातें मन पर हावी होने लगती हैं. जिसके कारण नकारात्मक विचार पैदा होते हैं.
पुरानी बातों की उर्जा लीवर के तीसरे चक्र में देखी जाती है. लीवर के तीन चक्र होते हैं. दो ऊपर एक नीचे. इन्हें मणिपुर चक्र के जरिये हरी और नारंगी उर्जा डालकर साफ कर दें. फिर हरी और बैंगनी उर्जा से उर्तिज कर दे. पुरानी बाोंका सिलसिला रुक जाता है.
इसी कारण डिप्रेशन वाले लोगों के लीवर की उर्जा को भी उपचारित किया जाना जरूरी होता है. क्योंकि वे अक्सर पुरानी बातें में फंसे रहते हैं.
नकारत्मक सोच से बचने केलिये सुरक्षा कवच का इश्तेमाल कभी न करें. क्योंकिइससे विचारों का प्रवाह रुक सकता है. एेसे में सकारात्मक सोच भी प्रभावित होगी. इसकी बजाय मणिपुर चक्र, लीवर पश्च सिरो चक्र को साफ करके उपचारित करें. नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिल ही जाएगी. अगर इसके साथ अनाहत चक्र को भी उपचारित कर लिया जाये तो चेहरे से मुस्कान कभी नही हट सकती.
आपने एनर्जी रिपोर्ट का जिक्र किया है. इसका मतलब आपके पास एनर्जी रिपोर्ट है. फिर ये काम आपके लिये मुश्किल नहीं. आप रिपोर्ट में दी गई विधि का उपयोग करके अपने इन चक्रों कोठक करें. और सकारात्मकता का आनंद लें.
सबका जीवनसुखी हो यही हमारी कामना है.
राम राम।
जन्मा अष्टमी की सभी को शुभकामनायें.