राम राम
गुरू पुर्णिमा पर कुडंली जागरण साधना….अतिंम
कायाकल्प साधना और राज श्नी योग साधना
प्रणाम मैं सोमेश
मृत्युजंय योग परिवार के साथ 3 दिन कैसे बीत गये पता ही नही चला | सफर बहुत ही रूमानी था | 3 दिनो की खुशिया और चका चौद रोम रोम मे व्याप्त हो गयी है | अभी भी मन सारी बातो को याद करके खुश हो जाता है |
20 जुलाई को शिव प्रिया जी ने साधको को कायाकल्प साधना करायी | कायाकल्प मतलब जिर्णोद्धार, एक नया जीवन पा लेना | कायाकल्प साधना मे साधको के सभी ऊर्जा चक्रो को ऊर्जित किया जाता है उन्हे बिलकुल नया बना दिया जाता है | कायाकल्प साधना से शरीर का रोम रोम बिलकुल नया हो जाता है सारे उर्जा चक्र शानादार पोजिशन मे आ जाते है | कायाकल्प साधना मे एक पडाव आता है जहा संजीवनी अमृत से साधको को स्नान काराया जाता है | सभी साधक साधना के लिए तैयार हो गये थे | शिव प्रिया जी हमारे बीच आ गयी थी | सभी ने शिव प्रिया जी का स्वागत किया | शिव प्रिया जी ने साधना शुरू करायी | सभी की चेतना को शिव प्रिया जी के निर्देशो को फोलो करते हुए जाना था | शिव प्रिया जी ने एक एक करके सभी उर्जा चक्रो को उर्जित कर दिया शानदार बाना दिया | फिर शिव प्रिया जी सभी की चेतना को साधना के लिए और अमृत स्नान के लिए ले गयी | बहुत ही सुन्दर नजारा था | चारो तरह हरियाली पहाद नदीयॉ जरने थे प्रकृति का बहुत ही सुन्दर नजारा था ऐसा नजारा देखने को नही मिलता है | मन बहुत प्रसन्न था एक नयी उमंग थी | और फिर शिव प्रिया जी ने सभी को संजीवनी अमृत से स्नान कराया | और फिर सभी की चेतना को वापस ला दिया गया | सभी ने अपनी आखे खोली सभी के चहरे चमक रहे थे | सभी को एक नया जीवन दिया गया था | सभी ने भगवान शिव का, गुरूजी का और शिव प्रिया जी का धन्यवाद किया | शिव चर्चा मे काया कल्प साधना के जो अनुभव सामने आये वो अविश्वशनीय थे | एक साधक के पैरो मे और घुटनो मे बहुत जादा दर्द था उनसे बैठा भी नही जा रहा था | कायाकल्प साधना के बाद बह बिलकुल ठीक थे आसनी से चल फिर पा रहै थे बैठ पा रहै थे | सच मैं शिव प्रिया जी मरते हुए मे भी जान फुक सकती है | शिव प्रिया जी की शक्तिया अपार है |
भोजन के बाद शिव प्रिया जी ने उर्जा विज्ञान, संजीवनी उपचार और ज्ञात अज्ञात जानना सिकाया | बहुत ही बारिखी से सभी को समझाया गया | और उसी समय सभी से अभयास भी काराय गया | सभी ने संजीवनी उपचार सिका | ज्ञात अज्ञात जानना भी सिका | और अंत मे सभी शिव प्रिया जी का धन्यवाद करके चले गये | इस तरहा 21 जुलाई का दिन साधको के लिए बहुत ही खास रहा | शिव प्रिया जी ने सभी को सुचना दी कल सभी को भगवान शिव के सामने बैठाया जायेगा | और भगवान शिव आपके प्रशनो के जबाब देगे इसलिए सभी अपना प्रशन तैयार कर ले | शिव प्रिया जी ने प्रशन कैसा होना चाहिये यह भी बाताया |
21 जुलाई भगवान शिव से मुलाकात का दिन | राज योग पाने का दिन | जब मुझे पता चला की आज हमे भगवान शिव के सामने बैठाया जायेगा तो मेरी खुशी का तो कोई ठीकाना ही नही था | लग रहा था की आज तो सब कुछ मिल ही जायेगा | 2 दिन पहले हमारी कुडंली को जागा दिया गया था | कायाकल्प साधना के जरीये एक नया जीवन मिल गया था | और अब भगवान शिव से मुलाकात | भगवान शिव और गुरूजी और शिव प्रिया जी की इतनी कृपा बरस रही थी की कुछ समझ ही नही आ रहा था | मन तो सातवे आसमान पर था | पहले महासाधना हुई | महासाधना के बाद नाशता करके सभी साधक अपने स्थानो पर बैठ गये | और शिव चर्चा शुरू हुई | साधना समिती साधना की तैयारी कर रही थी | फिर शिव प्रिया जी का आगमन हुआ समिती ने शिव प्रिया जी का फुलो से स्वागत किया | हर हर महादेव गुजने लगा |
अब सभी भगवान शिव से मिलने के लिए बैचन थे | शिव प्रिया जी की तरफ से सावन का तोहफा भगवान शिव से मुलाकात था | कभी सोचा भी नही था की भगवान शिव के सामने बैठने का मौका मिलेगा | उनसे बात करने का मौका मिलेगा | सब कुछ एक सपना सा लग रहा था | शिव प्रिया जी ने सभी को शिव मिलन की यात्रा की शुभकामनाये दी | अब बात भगवान से मिलने की थी अपने गुरू से मिलने की थी | शिव प्रिया जी ने अपनी टीम को सभी साधको पर नजर रखने के लिए नियुक्त किया | भगवान शिव की उर्जाए अपार है सो सभी पर नजर रखनी जरूरी थी ताकी सभी की यात्रा सफल हो | शिव प्रिया जी उनकी टीम और पंडीत जी सभी साधना के लिए तैयार थे | शिव प्रिया जी ने कहा की साधना के दोरान कोई भी अपनी आखे नही खोलेगा सफल बहुत लम्बा है | आखे खोलने से आपकी चेतना वापस आ जायेगी | सभी ने आखे बंद की और साधना के लिए तैयार हो गये | इस साधना मे भगवान शिव तक पहुचने के लिए 3 पडाव पार करने थे | सबसे पहल मानसिक तौर पर शिव लिंग पर भगवान के की पूजा करनी थी | पंडित जी ने मंत्रो के साथ पूजा शुरू की | फिर पूजा के बाद भगवान गणेश जी को सभी साधको का मार्गदर्शक बनाया गया | आगे का पूरा मार्ग गणेश जी ही दिखाने वाले थे | मन मे बहुत जाद प्रसन्नता थी | अब तो खुद गणेश जी हमारे साथ थे | मंत्र का जाप चलता रहा | और साधक नाचते कुदते और बहुत खुश होते हुए गणेश जी के साथ आगे बढ रहै थे | मन झुम उठा था | रोम रोम नाच रहा था | भगवान शिव से मिलने के लिए शरीर का एक एक अंग नाच रहा था | उस खुशी, उत्साह, जोश, उमंग और बैचेनी को बताने के लिए मेरे पास शब्द नही है | जो खुशी उस समय मिल रही थी वो मिल पाना नामुकिन है | इतना तो मैं कभी नही नाचा था जितना उस समय नात रहा था | उस पल को याद करते ही मन अभी भी नाचने लग जाता है | अब शिव से मिलने का समय आ गया था | कुछ ही देर मे एक बहुत ही तेज प्रकाश सामने नजर आया और फिर बहा से भगवान शिव चलते हुए हमारी ओर आते हुए दिखायी दे रहै थे | पूरा शरीर मे सिहरन दोड रही थी | पूरा शरीर एन्रजी से भर सा गया था | भगवान शिव आखो के बिलकुल सामने थे | तभी शिव प्रिया जी ने कहा की भगवान शिव हमारे बीच आ गये है और मैने उनसे आप सभी साधको के लिए 5 मिनट का समय मागा है | सभी ने बैठ कर सबसे पहले शिव भगवान की स्तुति की | और फिर शिव प्रिया जी ने कहा आप के पास अब 3 मिनट है आप भगवान शिव से बात कर सकते है | सभी ने शिव भगवान से अपने प्रशन का जबाव ले लिया | और शिव प्रिया जी ने कहा अब आप का समय खतम हुआ | अब आपको वापस लोटना है | और शिव प्रिया जी ने सभी साधको मे लिए भगवान शिव से सुख और समृद्धि और सभी के लिए राज योग की कामना की | और शिव प्रिया जी सभी की चेतना को वापस ले आयी | वापस आते समय लग रहा था की सभी प्रशनो का उत्तर मिल गया है जीवन का उद्धेश्य मिल गया है | मन बिलकुल शातं था | इस यात्रा के दोरान बहुत बार बैचेनी हुई कभी पैरो मे बहुत दर्द हुआ कभी शरीर बहुत गर्म हो गया था | पर जब भी ऐसा कुछ होता तो कुछ ही सेकिन्डो मे सब सामान्य हो जाता था | क्योकी शिव प्रिया जी और उनकी पूरी टीम सब पर नजर रखे हुई थी | इसके लिए सभी का बहुत धन्यवाद | सभी ने अपनी आखे खोली सभी के चहरे शात और खिले हुई नजर आ रहै थे | शिव प्रिया जी ने कहा सभी 10 मिनट तक मोन रहैगे और शिव से मिलने की खुशी मनायेगे | फिर शिव चर्चा हुई सभी को भगवान शिव से अपने प्रशनो के उत्तर मिले थे | और फिर सभी को भोजन कराया गया |
साधक बहुत दूर दूर से आये थे सभी साधक चाहते थे की जाते समय सभी गुरूजी से मिल के जाये | अरुण जी ने सभी साधको की तरफ से गुरीजी से सिफारिस की और गुरूजी को मना ही लिया | कुछ समय बाद गुरूजी हम सभी से मिलने आये | गुरूजी का स्वागत किया गया फिर एक बार साधना कश्र हर हर महादेव से गुज उठा | गुरूजी ने सभी को शिव से मिलने की शुभकामनाये दी | सभी बारी बारी से गुरूजी के चरण स्पश करने गये गुरूजी ने आशिर्वाद के रुप मे सभी को फूल दिये | सभी अपनी अपनी जगहा बैठ गये | गुरूजी ने फिर एक खुश खबरी दी गुरूजी ने बताया की जब सब को गुरूजी को प्रणाम करने जा रहै थे तब गुरूजी ने सभी की कुडंली चैक की थी और गुरूजी को सभी की कडंली जागरत मिली | यह सच मे बहुत खुशी की बात थी गुरूजी शिव प्रिया जी समिती और सभी साधको की महनत रंग लायी थी | गुरूजी को भी इस बात की बहुत खुशी थी | फिर गुरूजी ने सभी को कुछ परहेज बताये ताकी कंडली काम कर सके | साथ ही गुरूजी ने सभी को दूसरो की जंदगी सवारे की जिम्मेदारी सभी साधको को दी | सभी साधको को जादा से जादा लोगो को महासाधना से जोडना है | बहुत बडी संखया में महासाधना केन्दो की स्थापना करनी है | इसके लिए जादा कुछ नही कम से कम 5 लोगो को तैयार करना है |
अब गुरूजी लम्बी साधना पर जा रहै है | गुरूजी ने कहा मेरी कुछ साधना अधुरी है बह पूरी करनी है | आप सब मुस्कुराते रहै महासाधना करते रहै आपका जीवन सुखी हो यही भगवान शिव से मेरी कामना है |
कुडली जागरण, कायाकल्प साधना, राज श्नी योग साधना के लिए गुरूजी और शिव प्रिया जी का कोटी कोटी धन्यवाद| साधना समिती का भी बहुत धन्यवाद समिती की महनत ही थी की इतनी बडी संख्या मे साधक साधनाये कर पाये | अरुण जी और पंकज जी का भी बहुत धन्यवाद उनही की मार्ग दर्शन मे इतने उचे लेवल पर साधना सम्पन हो पायी | भगवान शिव से मेरी कामना है की आने वाले समागमो मे जादा से जादा साधको को गुरूजी और भगवान शिव की कृपा मिले |
धन्यवाद !
राम राम