राम राम
गुरू पुर्णिमा पर कुंडली जागरण साधना…..
प्रणाम मैं सोमेश
आप आये आप सभी का धन्यवाद | कल गरूजी ने आप सभी की कुंडली को जगा ही दिया | सभी को देव बाधा, पितृ बाधा, तंत्र से बिलकुल मुक्त कर ही दिया | साथ ही गुरूजी ने सभी उपरी बाधाओ का विज्ञान भी बताया | कल गुरू पुर्णिमा के अवसर की चका चौद अभी तक तन मन में बसी हुई है | मैं चाहता हू की ऐसा दिन रोजाना आये | मन कह रहा था की कल का दिन खतम ही ना हो | ये मेरा विशवाश है की कल की खुशी और उमंग सभी साधको के साथ हमेशा रहने वाली है | कल का दिन बहुत ही शानदार रहा तन मन और रोम रोम खुशी से भर गया | इतनी खुशी जीवन में कभी नही मिली | अगर ऐसा कहा जाये की कल बह्मांड की सारी खुशिया बहा मोजुद थी तो कुछ गलत नही होगा | मन बिना बजहा ही खुश हुए जा रहा था और कार्यक्रम के साथ साथ बह खुशी बढती ही जा रही थी | ऐसा लग रहा था की आज से नये जीवन की शुरूआत होने वाले ही | आखिर सभी की कुडंली जागरण जो होने जा रहा था |
कल भोर से ही साधना समिति के सभी सदस्य तैयारियों मे लग गये थे | सभी को काम अपना अपना काम पता था | सभी अपने काम को पूरी जिम्मेदारी और उमंग के साथ निभा रहै थे | पूरा मंच तैयार कर दिया गया था | पूरा हिन्दी भवन फूलो की खुशबु से महक रहा था | आने वाले सभी साधको के नाशते और भोजन की व्यवस्ता की जा रही थी | समिती के लोग आने वाले साधको के स्वागत मे खडे थे | आने वाले साधको का स्वागत किया जा रहा था और उन्हे साधना का सामान दिया जा रहा था | सभी साधको को एक किट मृत्युजंय परिवार तरफ से तोहफे के रुप मे दिया गया था उसमे गुरू – गिता, कुडंली जागरण पर मृत्युजंय योग की एक विशेष पतित्रा, एक नोट पेड, एक पेन और एक पिला बस्त्र | सभी सधको को उनका स्थान दिया गया | साधना समिति आने वाले सभी लोगो का ध्यान अपने परिवार के लोगो के जैसा रख रही थी | पूरी पूरी कोशिश की जा रही थी की किसी को कोई तकलिफ ना होने पाये | देखते ही देखते पूरा ओडिटोरियम भर गया | सभी अपने स्थान पर बैठ गये और जिन्हे जगहा नही मिलि वे नीचे जमीन पर बैठ गये |
फिर गणेश वंदना से कार्यकम्र को शुरू किया गया | सबसे पहले शिव चर्चा कि गयी | सभी मंच पर आकर अपना अपना अनुभव सुना रहै थे जो की TV पर भी दिखाये जायेगे | मैंने भी शिव चर्चा की | सभी के अनुभव अनगिनत थे | अनुभवो को सुन कर सभी साधक होरान थे सभी के अन्दर एक उमंग जाग उठी | सभी की तालियो और हर हर महादेव की गुज पुरे ओडिटोरिम मे गुज रही थी | सभी चहरे पर मुस्कान आ गयी थी | फिर साधना समिती की सदस्य ख्याती जी ने सभी साधको को शिव प्रिया जी का परिचय दिया | और शिव प्रिया जी को मंच पर आमंत्रित किया गया | साधना समिती के सदस्यो ने शिव प्रिया जी का स्वागत किया | शिव प्रिया जी ने सभी साधको का स्वागत किया और सभी को साधना के लिए शुभकामनाये दी | शिव प्रिया जी ने सभी को ऊर्जा विज्ञान की जानकारी दी | और सभी से आज की साधना की गुरू दक्षिणा के रुप में राम नाम का जाप कराया | फिर शिव प्रिया जी ने सभी उर्जा चक्रो की जानकारी दी आभामंडल को छुना सिकाया संजीवनी शक्त को देखना सिकाया | शिव प्रिया जी ने सभी साधको के उर्जा चक्रो को शक्तिपात करके साधना के लिये तैयार किया | इससे सभी के चहरे पर दिव्यता व्यापत हो गयी सभी के चहरे खिल उठे | सभी के ऊर्जा चक्रो को शानादार पोजिशन मे ला दिया गया ताकी सभी कुडंली जागरण साधना का पूरा पूरा लाभ उठा सके | अब समय का इसारा आये हुए साधको की सेवा की और कर रहा था | साधना समिति ने फिर मोर्चा सम्भाल लिया और आये हुए सभी साधको को नाशता कराया गया | नाशते के बाद शिव प्रिया जी ने बहुत ही बारीखियो के साथ संजीवनी सिखायी | साथ ही उर्जा विज्ञान की बहुत सारी बाते बतायी जिससे की सभी अपनी उर्जाओ को सही रख सके | साथ ही संजीवनी और महासंजीवनी रुद्राक्ष की जानकारी दी और उनका महतब भी बताया | शिव प्रिया जी ने सभी को यह दिखाया की कैसे हम महासंजीवनी रूद्राक्ष का वो उपयोग कर सकते है जो की बडे से बडा यंत्र नही कर सकता | शिव प्रिया जी ने रुद्राक्ष को भगवान शिव की उर्जाओ से जोडा और कहा की आप अपने स्थान से ही इसकी उर्जाओ को नापे सभी हैरान थे उन्हे दूर दूर तक उसकी ऊर्जाओ का अनुभव हो रहा था | शिव प्रिया जी ने बताया की अगर रुद्राक्ष को भगवान शिव की उर्जाओ से जोड दिया जाये तो कई किलोमीटर तक उसकी उर्जाए फैल जाती है | यह सच मे चकत्कार ही था |
कल मैं आपको बताऊगा की साधना समिति ने कैसे गुरू पुर्णिमा पर गुरूजी का स्वागत किया और साधना मे सामिल लोग कितने भागयशाली रहै | कैसे गुरूजी ने ग्रह नक्षत्रो, पितृ दोष, देव दोष तंत्र से लोगो को कुछ ही मिनटो मे मुक्त कर दिया और इन सब को लेकर जो भम्र था वो भी तोड दिया | और कैसे कुडंली शक्ति का विज्ञान बता कर सारे भम्र को तोड दिया | तब तक के लिए राम राम |
भगवान शिव और गुरूजी को कोटी कोटी प्रणाम और धन्यवाद | शिव प्रिया जी को धन्यवाद और मृत्युजंय टीम का धन्यवाद |
क्रमश: